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इग्नू ने दीक्षांत समारोह में 3 लाख से अधिक डिग्री, डिप्लोमा और प्रमाण पत्र प्रदान किए

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इग्नू के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए

नई दिल्ली, 5 मार्च (Udaipur Kiran) । इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) ने बुधवार को अपने 38वें दीक्षांत समारोह में 3 लाख से अधिक डिग्री, डिप्लोमा और प्रमाण पत्र प्रदान किए। दीक्षांत का मुख्य समारोह इग्नू के मैदान गढ़ी स्थित मुख्यालय में आयोजित किया गया। इसके अलावा देश भर में इग्नू के 39 क्षेत्रीय केंद्रों और 15 देशों में विश्वविद्यालय के विदेशी केंद्रों पर एक साथ समारोह आयोजित किया गया।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि इग्नू 38वें दीक्षांत समारोह में 3.17 लाख से अधिक सफल शिक्षार्थियों की सफलता का जश्न मना रहा है। यह विश्वविद्यालय के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 को लागू करने में इग्नू की भूमिका पर जोर देते हुए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि इग्नू इन सुधारों को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि इग्नू कामकाजी पेशेवरों, अंतरराष्ट्रीय छात्रों, जेल के कैदियों और रक्षा कर्मियों के लिए विविध कार्यक्रम पेश कर रहा है। कई भाषाओं में एमबीए पाठ्यक्रमों सहित इसकी क्षेत्रीय भाषा पहल, बेहतर समझ में मदद करेगी और सुलभता को बढ़ावा देगी।

धर्मेंद्र प्रधान ने अपने संबोधन में कौशल विकास की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने दूरस्थ रूप से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए एआई और डिजिटल लर्निंग जैसी तकनीकी प्रगति को अपनाने के लिए विश्वविद्यालय की सराहना की। उन्होंने कहा कि शिक्षक प्रशिक्षण पहल सहित क्षमता निर्माण कार्यक्रम सभी स्तरों पर शिक्षा को मजबूत कर रहे हैं। प्रधान ने कहा कि हम 2047 तक विकसित भारत की दिशा में काम कर रहे हैं। ऐसे में इग्नू को डिजिटल शिक्षा का विस्तार, वैश्विक सहयोग को मजबूत करना और आजीवन सीखने को बढ़ावा देना चाहिए।

इस अवसर पर आईआईएम तिरुचिरापल्ली के निदेशक प्रो. पवन कुमार सिंह ने उच्च शिक्षा को समाज के सभी वर्गों के लिए सुलभ बनाने के इग्नू के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने शिक्षा की पहुंच बढ़ाने और सीखने को अधिक समावेशी बनाने के लिए इग्नू द्वारा प्रौद्योगिकी के उपयोग की सराहना की। प्रो. सिंह ने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में हो रहे तीव्र परिवर्तनों के साथ तालमेल बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने भगवद गीता से अंतर्दृष्टि प्राप्त करते हुए व्यक्ति के जीवन को आकार देने में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने शिक्षा और दैनिक जीवन पर प्रौद्योगिकी के गहन प्रभाव को स्वीकार किया और इस बात पर जोर दिया कि कैसे इसके एकीकरण ने सीखने और पहुंच में क्रांति ला दी है।

इस अवसर पर इग्नू की कुलपति प्रो. उमा कांजीलाल ने कहा कि इग्नू उच्च शिक्षा में पहुंच, समावेश, गुणवत्ता और सामर्थ्य के अपने अधिदेश को साकार करने में सफल रहा है। 7.5 लाख शिक्षार्थियों के औसत वार्षिक प्रवेश के साथ, विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। इग्नू ने एनईपी 2020 के प्रावधानों को सक्रिय रूप से लागू किया है। रक्षा बलों के अग्निवीरों के लिए विशेष रूप से पांच कौशल-आधारित स्नातक डिग्री कार्यक्रम तैयार किए गए हैं। इन कार्यक्रमों में 5000 से अधिक अग्निवीरों का नामांकन किया गया है। विश्वविद्यालय लगातार नए शैक्षणिक कार्यक्रम जोड़ रहा है और नए शिक्षार्थी वर्गों तक पहुंच बना रहा है। 2024 में कुल 47 नए कार्यक्रम शुरू किए गए और अब कार्यक्रमों की कुल संख्या 334 हो गई।

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(Udaipur Kiran) / सुशील कुमार

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