रोम, 03 मार्च (Udaipur Kiran) । पोप फ्रांसिस इस समय जेमेली अस्पताल में भर्ती हैं और स्वास्थ्यलाभ ले रहे हैं, बावजूद इसके वो अपने काम जारी रखे हुए हैं। सोमवार, 03 मार्च को पोप फ्रांसिस ने जेमेली अस्पताल में सोशल मीडिया के प्लेटफार्म एक्स पर इस वर्ष अक्टूबर में होने वाले 111वें विश्व प्रवासी एवं शरणार्थी दिवस के लिए चुने गये थीम की जानकारी दी।
पोप फ्रांसिस ने अपने संदेश में लिखा : “मैंने 111वें विश्व प्रवासी एवं शरणार्थी दिवस के लिए थीम के रूप में प्रवासी: आशा के मिशनरी को चुना है। यह थीम प्रवासियों और शरणार्थियों के संघर्ष, साहस और भविष्य में आशा बनाए रखने के महत्व को रेखांकित करती है।”
वेटिकन के इंटीग्रल ह्यूमन डेवलपमेंट प्रचार विभाग ने सोमवार को यह घोषणा करते हुए बताया कि यह दिन 4 और 5 अक्टूबर 2025 को जुबली ऑफ माइग्रेंट्स एंड द मिशनरी वर्ल्ड के दौरान मनाया जाएगा।
वेटिकन के अनुसार, प्रवासी और शरणार्थी न केवल अपने जीवन में आशा की गवाही देते हैं, बल्कि जहां भी वे जाते हैं, वहां समुदायों को एक नई ऊर्जा और विश्वास प्रदान करते हैं।
विभाग के बयान में कहा गया कि प्रवासी और शरणार्थी जहां भी जाते हैं, वहां ‘आशा के मिशनरी’ बनते हैं। वे न केवल अपने विश्वास को मजबूत करते हैं बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक संवाद को भी बढ़ावा देते हैं। वे चर्च को याद दिलाते हैं कि यह जीवन एक यात्रा है और हमारा अंतिम लक्ष्य एक बेहतर भविष्य की प्राप्ति है।
विश्व प्रवासी और शरणार्थी दिवस की शुरुआत 1914 में हुई थी। यह दिन उन लोगों को समर्पित है जो युद्ध, उत्पीड़न, आर्थिक कठिनाइयों और अन्य संकटों के कारण अपने घरों से विस्थापित हो जाते हैं। इस अवसर पर कैथोलिक समुदाय इन प्रवासियों की भलाई के लिए प्रार्थना करता है और उनके समर्थन में कार्य करता है।
वेटिकन के अनुसार, प्रवासी समुदाय केवल सहायता के पात्र ही नहीं होते, बल्कि वे अपने नए परिवेश में सामाजिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान भी देते हैं। वे विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों के बीच संवाद स्थापित करने में सहायक होते हैं और मानवता के साझा मूल्यों को बढ़ावा देते हैं।
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(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय
