

अनूपपुर, 03 मार्च (Udaipur Kiran) । अमरकंटक में राष्ट्रीय सेवा योजना अंतर्गत आयोजित शिविर के दूसरे दिन सोमवार को सम्मिलित युवाओं के साथ प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने मां नर्मदा के रामघाट के उत्तर एवं दक्षिण तट में स्वच्छता के लिए श्रमदान किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति स्वच्छता को अपने स्वभाव और संस्कार का हिस्सा बनायें। माँ नर्मदा हमारे प्रदेश की जीवनरेखा है। श्रद्धालु नर्मदा नदी में दूषित सामग्री या पूजन सामग्री को प्रवाहित न करें,ना ही नर्मदा नदी के तटों में कूड़ा करकट और अनुपयोगी सामग्री डालें। नर्मदा नदी के तटों को हमेशा साफ व स्वच्छ रखें।
उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि माँ नर्मदा के तट से यह संकल्प लेकर जाये कि जिस प्रकार हम अपने घरों को साफ़- स्वच्छ और सुंदर रखते है। ठीक उसी तरह नदी तटों, तालाबों, अन्य जल स्त्रोतों को साफ- सुथरा व स्वच्छ बनाये रखेंगे। व्यक्तिगत शौचालयों एवं सामुदायिक शौचालयों में स्वच्छता के लिए जल व मल की निकासी होना बहुत ज़रूरी है। अपने भीतर के सामर्थ्य को पहचानें और बगैर फल की चिंता किए बिना समाज के प्रति अपनी नैतिक जिम्मेदारी को निभायें। हमारे आसपास स्वच्छता के लिए नये सिरे से सोचने की आवश्यकता है। स्वच्छता ही अच्छे स्वास्थ्य का आधार है। इसे अपनी आदत बनाकर अपने स्वभाव में निरंतरता प्रदान करनी होगी। केवल कचरे की साफ- सफाई ही नहीं उसका प्रबंधन करना भी नितांत आवश्यक है। सामुदायिक स्वच्छता परिसर, सार्वजनिक सुलभ कॉम्प्लेक्स का इस्तेमाल हो, यह न केवल स्वच्छता का जरिया है, बल्कि किसी व्यक्ति को रोजगार देने का काम भी करते हैं।
इस दौरान उच्च शिक्षा मंत्री ने स्वयं झाड़ू लेकर रामघाट के उत्तर एवं दक्षिण तट की साफ सफाई की तथा मां नर्मदा नदी के तट पर घासो की भी सफाई की गई। इस दौरान नायब तहसीलदार कौशलेंद्र मिश्रा सहित अन्य अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि तथा बड़ी संख्या में एनएसएस के विद्यार्थियों ने श्रमदान में अपनी सहभागिता निभाई।
उच्च शिक्षा शिक्षा मंत्री ने मां नर्मदा की पूजा अर्चना
उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री इंदर सिंह परमार ने जिले के अमरकंटक प्रवास के दौरान मां नर्मदा के उद्गम स्थल पहुंचकर मां नर्मदा की पूजा अर्चना की तथा प्रदेश के नागरिकों के कल्याण और सुख समृद्धि के लिए मां नर्मदा से मंगल कामना की। इस दौरान उच्च शिक्षा मंत्री ने मंदिर की व्यवस्थाओं के बारे में भी अधिकारियों और मंदिर के पुजारियों से चर्चा की।
(Udaipur Kiran) / राजेश शुक्ला
