
जयपुर, 3 मार्च (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रमुख पंचायती राज सचिव, नरेगा आयुक्त, सवाई माधोपुर जिला कलेक्टर और जिला परिषद के सीईओ को नोटिस जारी कर पूछा है कि नरेगा लोकपाल के आदेश के खिलाफ अपील सुनने के लिए अपीलीय प्राधिकरण का गठन क्यों नहीं किया गया है। इसके साथ ही अदालत ने प्रमुख पंचायती राज सचिव को यह बताने को कहा है कि अपीलीय प्राधिकरण का गठन करने के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए हैं। वहीं अदालत ने मामले में याचिकाकर्ता के खिलाफ निकाली रिकवरी पर रोक लगा दी है। जस्टिस अनूप कुमार की एकलपीठ ने यह आदेश सीमा शर्मा व अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता सवाई माधोपुर के चौथ का बरवाडा में पंचायती राज विभाग के अधीन विभिन्न पदों पर काम कर रहे हैं। गत जुलाई माह में नरेगा लोकपाल ने नरेगा में रोजगार प्रदान करने में असफल रहने पर याचिकाकर्ताओं के खिलाफ करीब साठ हजार रुपए की रिकवरी निकाल कर यह राशि नरेगा मजदूरों को देने के आदेश जारी कर दिए। जबकि याचिकाकर्ताओं ने सभी मजदूरों की ओर से काम मांगते ही जॉब कार्ड जारी कर दिए थे। याचिका में कहा गया कि लोकपाल के आदेश के खिलाफ अपील पर सुनवाई के लिए नियम 13.4 के तहत अपीलीय प्राधिकरण के गठन का प्रावधान है। इसके बावजूद राज्य सरकार ने अब तक अपीलीय प्राधिकरण का गठन नहीं किया है। जिसके चलते लोकपाल की ओर से जारी अवॉर्ड और वसूली आदेशों की अपील नहीं हो पा रही है। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब करते हुए विभाग के प्रमुख सचिव से अपीलीय प्राधिकरण के गठन को लेकर उठाए कदमों की जानकारी पेश करने को कहा है।
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(Udaipur Kiran)
