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पटियाला हाउस कोर्ट का सांसद इंजीनियर रशीद की अंतरिम जमानत याचिका पर एनआईए को नोटिस

पटियाला कोर्ट

नई दिल्ली, 3 मार्च (Udaipur Kiran) । दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने टेरर फंडिंग मामले के आरोपित और सांसद इंजीनियर रशीद की संसद सत्र में हिस्सा लेने के लिए अंतरिम जमानत की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए एनआईए को नोटिस जारी किया है। एडिशनल सेशंस जज चंदर जीत सिंह ने मामले की अगली सुनवाई 5 मार्च को करने का आदेश दिया।

याचिका में कहा गया है कि इंजीनियर रशीद एक सांसद हैं और उन्हें जिन लोगों ने चुना है उनके प्रति जिम्मेदारी निभाने के लिए संसद सत्र में हिस्सा लेना जरूरी है। संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण 10 मार्च से शुरू हो रहा है जो 4 अप्रैल को खत्म होगा। इसके पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने इंजीनियर रशीद को संसद सत्र में हिस्सा लेने के लिए दो दिन कस्टडी पेरोल पर रिहा करने की अनुमति दी थी। इंजीनियर रशीद ने हाई कोर्ट में दाखिल जमानत याचिका 24 फरवरी को वापस ले ली थी। हाई कोर्ट ने पटियाला हाउस के स्पेशल एनआईए कोर्ट को निर्देश दिया था कि वो इंजीनियर रशीद की जमानत याचिका पर जितनी जल्द हो सके सुनवाई कर फैसला करे।

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट की ओर से मिले स्पष्टीकरण के बाद दिल्ली हाई कोर्ट की रजिस्ट्री ने बताया था कि पटियाला हाउस कोर्ट का स्पेशल एनआईए कोर्ट इंजीनियर रशीद के खिलाफ दर्ज मामले की सुनवाई कर सकता है। इंजीनियर रशीद ने लोकसभा चुनाव 2024 में उमर अब्दुल्ला को करीब एक लाख मतों से हराकर जीत हासिल की थी। इंजीनियर रशीद को 2016 में एनआईए ने गिरफ्तार किया था।

पटियाला हाउस कोर्ट ने 16 मार्च 2022 को हाफिज सईद, सैयद सलाहुद्दीन, यासिन मलिक, शब्बीर शाह और मसरत आलम, इंजीनियर रशीद, जहूर अहमद वताली, बिट्टा कराटे, आफताब अहमद शाह, अवतार अहम शाह, नईम खान, बशीर अहमद बट्ट ऊर्फ पीर सैफुल्ला समेत दूसरे आरोपितों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था। एनआईए के मुताबिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के सहयोग से लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन, जेकेएलएफ, जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों ने जम्मू-कश्मीर में आम नागरिकों और सुरक्षा बलों पर हमले और हिंसा को अंजाम दिया। वर्ष 1993 में अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस की स्थापना की गई।

एनआईए के मुताबिक हाफिज सईद ने हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं के साथ मिलकर हवाला और दूसरे चैनलों के जरिये आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन का लेन-देन किया। इस धन का उपयोग घाटी में अशांति फैलाने, सुरक्षा बलों पर हमला करने, स्कूलों को जलाने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के काम में किया। इसकी सूचना गृह मंत्रालय को मिलने के बाद एनआईए ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 121, 121ए और यूएपीए की धारा 13, 16, 17, 18, 20, 38, 39 और 40 के तहत केस दर्ज किया था।

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(Udaipur Kiran) / वीरेन्द्र सिंह

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