कैथल, 2 मार्च (Udaipur Kiran) । शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत 6 से 14 साल के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान है। बच्चों को गैर शैक्षणिक कार्यों में नहीं लगाया जा सकता। यह विचार राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय हरिगढ़ किंगन की प्रधानाचार्या डॉ वीरमती सीड़ा ने रविवार को बाल अधिकार कार्यशाला में कहे।
राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं अपराध नियंत्रण ब्यूरो के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ रणधीर कुमार के निर्देशन एवं प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र धानिया के मार्गदर्शन में बाल अधिकार कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें डॉ सीड़ा ने कहा कि बच्चों से मजदूरी करवाना कानूनन अपराध है। कार्यक्रम में एनएचआरसीसीबी ब्यूरो सदस्य प्राध्यापक राजा सिंह झींंजर ने बाल अधिकार पर कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 (ए) के तहत सरकार बच्चों के लिए मुफ्त, सुलभ एवं समुचित शिक्षा व्यवस्था करती है। झींंजर ने कहा कि 1986 के बाल श्रम (निषेध एवं विनियमन) अधिनियम के तहत 14 साल से कम उम्र के बच्चों से गैर शैक्षणिक कार्य अपराध है जिसके तहत किसी बच्चे को काम करने की अनुमति देने पर तीन महीने से एक साल की जेल तथा ₹20000 तक जुर्माना लग सकता है।
कार्यक्रम में प्रधानाचार्या डॉ वीरमती सीड़ा व ब्यूरो सदस्य प्राध्यापक राजा सिंह झींंजर ने बाल अधिकार जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। विद्यार्थियों ने स्लोगन एवं नारों के माध्यम से लोगों का मन मोह लिया। अध्यापक महेंद्र सिंह सीड़ा ने विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के अवसर पैदा करने पर जोर दिया ताकि भविष्य में खुशहाल समाज की स्थापना हो सके। इस अवसर पर तरनजीत कौर, गौरव सिंगला, प्रीतम दास, मौलिक मुख्याध्यापक मोहिंद्र सिंह, ज्योति मेहता, धर्म सिंह, मीनाक्षी मेहता, बलकार सिंह सहित सभी अध्यापक प्रार्थना उपस्थित थे।
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(Udaipur Kiran) / मनोज वर्मा
