
—बरेका मंडप में लोकोमोटिव मॉडल्स और तकनीकी नवाचारों की विशेष प्रदर्शनी
वाराणसी,02 मार्च (Udaipur Kiran) । काशी हिंदू विश्वविद्यालय (आईआईटी बीएचयू) के 86वें टेक फेस्ट टेकनेक्स 2025 में बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) का मंडप छाया रहा। टेकनेक्स में देशभर के तकनीकी संस्थानों, विशेष रूप से आईआईटीज़ के छात्र-छात्राओं ने अपने नवाचारों का प्रदर्शन किया। 28 फरवरी से 02 मार्च रविवार तक स्वतंत्रता भवन, बी.एच.यू. में आयोजित टेकनेक्स में बरेका महाप्रबंधक नरेश पाल सिंह भी पहुंचे।
महाप्रबंधक ने बरेका मंडप का भ्रमण कर वहां प्रदर्शित लोकोमोटिव मॉडलों, इंफोग्राफिक्स और तकनीकी नवाचारों को देखा तथा उनकी सराहना की। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि बरेका का योगदान न केवल भारतीय रेलवे बल्कि वैश्विक स्तर पर भी सराहनीय है। टेकनेक्स 2025 में बरेका मंडप को आधुनिक तकनीकों और नवाचारों से सुसज्जित किया गया था। यहां प्रदर्शित लोको रनिंग और स्टैटिक मॉडल्स छात्रों के लिए आकर्षण का प्रमुख केंद्र बने। बरेका जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार एवं बरेका प्राविधिक प्रशिक्षण केंद्र के तकनीकी विशेषज्ञों और प्रशिक्षकों ने छात्रों को रेल इंजन निर्माण, तकनीकी पहलुओं और नवाचारों के बारे में गहन जानकारी दी। जनसम्पर्क अधिकारी के अनुसार हॉट प्लेट तकनीक,वॉयस और वीडियो कैप्चरिंग सुविधा जो लोको पायलट को अधिक दक्षता प्रदान करती है। बायो-टॉयलेट सिस्टम ,स्पीड, ब्रेक सिस्टम और हाई-स्पीड रेल संचालन की विस्तृत तकनीकी में छात्रों की विशेष रुचि रही।
जनसम्पर्क अधिकारी ने बताया कि बरेका द्वारा निर्मित 99फीसद से अधिक स्वदेशी उपकरणों से बने रेल इंजन न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी लोकप्रिय हैं। वर्तमान में बांग्लादेश, म्यांमार, मलेशिया, श्रीलंका, अंगोला, सेनेगल, माली, तंजानिया, सूडान, वियतनाम जैसे कई देशों में बरेका निर्मित लोकोमोटिव सफलतापूर्वक परिचालित हो रहे हैं। इन इंजनों की बढ़ती मांग वैश्विक रेलवे क्षेत्र में बरेका की उत्कृष्टता को दर्शाती है।
उन्होंने बताया कि टेकनेक्स प्रदर्शनी में बरेका का आकर्षक मंडप न केवल छात्रों बल्कि शोधकर्ताओं के लिए भी प्रेरणा स्रोत बना रहा। मंडप में बरेका में निर्मित किये जा रहे लोको के विभिन्न तकनीकी पहलुओं को चित्रों, ट्रांसलाइट्स, मॉडलों और डिजिटल डिस्प्ले के माध्यम से प्रदर्शित किया गया। बरेका प्राविधिक प्रशिक्षण केंद्र के प्रशिक्षकों ने छात्रों के सवालों का विस्तृत उत्तर देकर उनके ज्ञान में वृद्धि की।
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी
