
परिजनों का आरोप,उपचार में हुई लापरवाही
झांसी, 2 मार्च (Udaipur Kiran) । शनिवार की देर शाम महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में उस समय सनसनी फैल गई जब लगभग 66 वर्षीय मरीज ने वार्ड के बाथरूम में सुसाइड कर लिया। उसका शव बाथरूम में दरवाजे की चौखट पर गमछा के फंदे पर झूलता मिला। परिजनों ने आरोप लगाया कि डॉक्टर ठीक से इलाज नहीं कर रहे थे। इससे लाखन दुखी हो गया और जान दे दी। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
हमीरपुर के नौरंगा गांव निवासी 66 वर्षीय लाखन सिंह सीने में दर्द से पीड़ित था। परिजनों ने बताया कि पहले वह घर पर ही दर्द की दवा खाते रहे, लेकिन दर्द बढ़ने पर 24 फरवरी को उसे इलाज के लिए झांसी मेडिकल कॉलेज लेकर आए थे। यहां पर डॉक्टर ने उनको भर्ती कर लिया। लाखन की तीमारदारी के लिए उसके पास बेटा रामकुमार रुका था। शनिवार शाम करीब 4 बजे भाई मनमोहन सिंह और उसका भतीजा देवेंद्र उनको देखने आए थे। मनमोहन ने बताया कि भाई लाखन उनके सामने बाथरूम करके वापस बेड पर आ गया। इसके बाद वह और देवेंद्र फल लेने बाहर चले गए। तब लाखन दोबारा बाथरूम में चला गया। नाक पर गमछा रखकर बेटे से बोले कि अंदर गंदगी है। इसके बाद अंदर जाकर बाल्टी पर खड़े होकर दरवाजा की चौखट पर गमछा से फंदा बनाया और लटक गए। थोड़ी देर बाद जब एक मरीज बाथरूम गया तो चिल्लाते हुए बाहर भागा। शोर सुनकर बेटे ने जाकर देखा तो लाखन की मौत हो चुकी थी।
मनमोहन का आरोप है कि लाखन का इलाज ठीक से नहीं हो रहा था। उसका कहना है कि लाखन का चेहरा सूजा और उनके पूरे शरीर में पानी भर गया था। यदि सही इलाज होता तो लाखन आत्महत्या नहीं करता। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हेतु भेज दिया है।
इनका है कहना
इस मामले में मेडिकल कॉलेज के सीएमएस डॉ. सचिन माहुर का कहना है कि लाखन सिंह के फेफड़ों में टीबी की वजह से पानी भरा था। दिल के बाहर भी पानी भरा था। उसका इलाज चल रहा था। कहा कि परिजनों के आरोपों की जांच कराई जाएगी। पुलिस को सूचना दे दी गई है।
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(Udaipur Kiran) / महेश पटैरिया
