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जयपुर, 28 फरवरी (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने एसआई भर्ती पेपर लीक मामले में मास्टरमाइंड यूनिक भांभू के सहयोगी बताए जा रहे शिवरतन मोठ को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं। जस्टिस गणेश राम मीणा ने यह आदेश आरोपी की जमानत याचिका को स्वीकार करते हुए दिए।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि एसओजी ने ऐसा कोई साक्ष्य पेश नहीं किया, जिससे साबित हो की याचिकाकर्ता परीक्षा सेंटर पर मौजूद था। अदालत ने कहा कि एसओजी ने याचिकाकर्ता की भूमिका को लेकर सह आरोपी के बयान और परीक्षा के बाद यूनिक भांभू से फोन पर बात करने को लेकर ही जानकारी पेश की है। परीक्षा केन्द्र पर याचिकाकर्ता की ड्यूटी के संबंध में कोई साक्ष्य पेश नहीं की गई और ना ही ऐसी कोई वीडियोग्राफी पेश की गई, जिससे साबित हो की याचिकाकर्ता पेपर लीक होने वाले परीक्षा सेंटर पर मौजूद था। इसके अलावा मामले में पूर्व में ही आरोप पत्र पेश किया जा चुका है। ऐसे में आरोपी को जमानत पर रिहा करना उचित होगा।
जमानत याचिका में अधिवक्ता वेद प्रकाश ने बताया कि एसओजी ने याचिकाकर्ता को यूनिक भांभू का सहयोगी बताते हुए स्कूल संचालक राजेश खंडेलवाल से मिलकर उसे परीक्षा सेंटर में एंट्री कराना बता रही है। जबकि एसओजी के पास ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है, जिससे साबित हो की याचिकाकर्ता मौके पर मौजूद था। याचिकाकर्ता सरकारी कर्मचारी है और वह करीब एक साल से जेल में है। मामले में आरोप पत्र भी पेश हो चुका है। इसलिए उसे जमानत पर रिहा किया जाए। वहीं राज्य सरकार की ओर से विशेष लोक अभियोजक अनुराग शर्मा ने कहा कि सह आरोपी राजेश खंडेलवाल की ओर से दी गई जानकारी से पता चलता है कि याचिकाकर्ता पेपर लीक के अपराध में शामिल था। इसके अलावा याचिकाकर्ता ने भी उस स्थान की पहचान की है, जहां वह मौजूद था। वहीं कॉल डिटेल से भी याचिकाकर्ता के यूनिक भांभू से संपर्क की बात साबित होती है। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं।
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(Udaipur Kiran)
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