

गुवाहाटी, 27 फरवरी (Udaipur Kiran) । असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने आज गुवाहाटी के डॉ. बाणीकांत काकति सभागार में आयोजित एक समारोह में ‘देवदूतोर सान्निध्य’ नामक पुस्तक का विमोचन किया। यह पुस्तक गोवा के राज्यपाल पीएस श्रीधरन पिल्लई द्वारा मूल रूप से लिखित अंग्रेजी कहानी संग्रह ‘ऑन द साइड आफ एंजिल्स’ का असमिया अनुवाद है, जिसका अनुवाद बर्नाली डेका बरठाकुर ने किया है।
समारोह में राज्यपाल आचार्य ने पुस्तकों के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि वे जीवन की सर्वोत्तम संगिनी होती हैं। उन्होंने कहा, “पढ़ना दुनिया के श्रेष्ठतम् ज्ञान का अनुभव करने का द्वार है। पढ़ने से बड़ी कोई खुशी नहीं होती।” उन्होंने अच्छे ग्रंथों के मानव जीवन को संवारने में योगदान को भी रेखांकित किया।
राज्यपाल आचार्य ने गोवा के राज्यपाल पिल्लई की साहित्यिक प्रतिभा की सराहना की और उन्हें केवल एक विचारक और विद्वान ही नहीं, बल्कि एक संवेदनशील और सशक्त साहित्यकार बताया। उन्होंने उल्लेख किया कि पिल्लई ने 250 से अधिक पुस्तकें लिखी हैं, जिनमें राजनीति, कानून, संस्कृति, इतिहास, समाज और अर्थशास्त्र जैसे विविध विषयों पर गहन ज्ञान समाहित है।
उन्होंने यह भी बताया कि पिल्लई ने संस्कृत ग्रंथों में वर्णित वामन वृक्ष कला (बोनसाई) के भारतीय मूल का उल्लेख किया है। इसके अलावा, उनके नेतृत्व में गोवा राजभवन में आचार्य सुश्रुत, शल्य चिकित्सा के जनक, और महर्षि चरक, आयुर्वेद के जनक की प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। यह पहल भारतीय सांस्कृतिक और वैज्ञानिक विरासत को संरक्षित करने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
राज्यपाल ने कहा कि पिल्लई की साहित्यिक रचनाएं केवल लेखन तक सीमित नहीं हैं, बल्कि समाजोत्थान में भी योगदान देती हैं। उनकी रचनाएं राष्ट्रीय एकता, सांस्कृतिक मूल्यों, नैतिकता और सामाजिक न्याय पर चिंतन को प्रेरित करती हैं।
राज्यपाल आचार्य ने विश्वास व्यक्त किया कि ‘देवदूतोर सान्निध्य’ पुस्तक असमिया साहित्य के लिए एक बहुमूल्य उपहार साबित होगी। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक के माध्यम से असमिया पाठक न केवल पिल्लई के विचारों से परिचित होंगे, बल्कि उनके अनुभवों से भी महत्वपूर्ण ज्ञान प्राप्त करेंगे। इस अवसर पर पद्मश्री से सम्मानित लेखक अरूप कुमार दत्ता सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश
