
गुवाहाटी, 28 फरवरी (Udaipur Kiran) । पूर्वोत्तर सीमा रेलवे (पूसीरे) की क्षेत्रीय रेल उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति (जेडआरयूसीसी) की 97वीं बैठक आज राजधानी गुवाहाटी के मालीगांव स्थित पूसीरे मुख्यालय में हुई। बैठक की अध्यक्षता पूसीरे के महाप्रबंधक चेतन कुमार श्रीवास्तव ने की एवं संचालन उप महाप्रबंधक सह जेडआरयूसीसी के सचिव अनुराग अग्रवाल ने सुचारू रूप से किया। इस अवसर पर सांसदों में डॉ. जयंत कुमार राय (जलपाईगुड़ी) और खगेन मुर्मु (मालदह उत्तर); राज्य विधानसभा के सदस्यों में रूपज्योति कुर्मी (मरियानी), ईआर. तापी दारंग (पासीघाट पूर्व), सांसदों के प्रतिनिधि, राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी और पूर्वोत्तर राज्यों के साथ-साथ पश्चिम बंगाल एवं बिहार के अन्य सदस्यगण उपस्थित थे। बैठक का मुख्य उद्देश्य इस क्षेत्र में रेलवे की बुनियादी संरचना और सेवाओं में सुधार के लिए विचारों और सुझावों को साझा करने के लिए रेलवे उपयोगकर्ताओं के विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधियों के साथ सीधा संवाद स्थापित करना था।
पूसीरे के सीपीआरओ कपिंजल किशोर शर्मा ने आज बताया है कि चेतन कुमार श्रीवास्तव ने बैठक में सभी सदस्यों का स्वागत करते हुए रेलवे से संबंधित सेवाओं के प्रत्येक क्षेत्र पर उनलोगों से उनके सुझाव देने का आग्रह किया और आश्वासन दिया कि रेल अधिकारियों द्वारा उन सुझावों को उचित महत्व दिया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि पूर्वोत्तर राज्यों की राजधानियों से रेल संपर्क में और सुधार के लिए कई कनेक्टिविटी कार्य चल रहे हैं। इसके अतिरिक्त, छह नए गति शक्ति कार्गो टर्मिनल खोले जा रहे हैं और स्थानीय व्यापारियों एवं व्यावसायियों की सुविधा के लिए तथा स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए कई गुड्स शेडों में दिन-रात कार्य की शुरुआत की गई है। विभिन्न ग्राहक अनुकूल पहल भी किए जा रहे हैं। महाप्रबंधक ने वर्ष 2025 तक 100 फीसदी रेलवे विद्युतीकरण हासिल करने की दिशा में पूसीरे की प्रगति, कैशलेस लेनदेन को सक्षम करने के लिए पूसीरे के टिकट काउंटरों पर क्यूआर कोड मशीनों की स्थापना और विभिन्न स्टेशनों पर खानपान की सेवाओं से अवगत कराया। श्रीवास्तव ने सदस्यों को इंढ्रुज़न डिटेक्शन सिस्टम के सफल कार्यान्वयन के बारे में भी जानकारी दी, जिसकी रेल पटरियों पर हाथियों की मौत को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
बैठक में लोकल ट्रेनों को पुनः शुरू करने, अतिरिक्त ठहराव, यात्री सुविधाओं में वृद्धि और स्टेशनों एवं ट्रेनों में सुरक्षा सुधार जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी विस्तृत चर्चा की गई। अन्य महत्वपूर्ण विषयों में नई रेल पटरियों का निर्माण, नए आरयूबी/आरओबी और एफओबी के निर्माण के साथ-साथ समपार फाटकों की इंटरलॉकिंग और उन्मूलन शामिल थे।
भारतीय रेलवे ने डिवीजनल रेलवे यूजर्स कंसल्टेटिव कमेटी (डीआरयूसीसी) और जोनल रेलवे यूजर्स कंसल्टेटिव कमेटी (जेडआरयूसीसी) जैसी समितियां बनाई है, जो यात्री सेवाओं, स्वच्छता, खानपान और समय की पाबंदी से संबंधित प्रमुख मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए नियमित रूप से बैठक करती हैं। ये समितियां रेल अधिकारियों और स्टेकधारकों के बीच निरंतर बातचीत की सुविधा प्रदान करती हैं, जिससे रेल सेवाओं में निरंतर सुधार सुनिश्चित होता है।
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(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश
