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(अपडेट) खाटूश्यामजी का वार्षिक फाल्गुन मेला शुरू, 10 मार्च को निकलेगी बाबा की भव्य रथ यात्रा

खाटू श्याम फाइल फोटो Khatu Shyam

सीकर, 28 फरवरी (Udaipur Kiran) । बाबा खाटूश्यामजी मंदिर के पट खुलने के साथ ही वार्षिक फाल्गुन मेला शुरु हो गया है। तिलक और श्रृंगार के कारण गुरुवार रात 10 बजे से मंदिर में दर्शन बंद कर दिए गए थे, जो शुक्रवार शाम फिर से शुरू हो गए। पट खुलते ही मंदिर परिसर भक्तिमय हो उठा और ‘जय बाबा श्याम’ व ‘शीश के दानी की जय’ के जयकारों से गूंज उठा। श्रद्धालुओं ने फूल बरसाकर बाबा का स्वागत किया, जबकि दर्शन के लिए सुबह से ही भक्तों की लंबी कतारें लग गई थीं।

वार्षिक लक्खी मेले के दौरान भक्त निरंतर बाबा खाटूश्याम के दर्शन कर सकेंगे। यदि भीड़ कम होती है, तो मंदिर के पट बंद किए जाएंगे, अन्यथा केवल श्रृंगार और भोग के समय कुछ मिनटों के लिए पर्दा किया जाएगा। यह मेला 11 मार्च तक चलेगा, जिसमें देशभर से लाखों श्रद्धालु खाटूश्यामजी के दर्शन के लिए पहुंचेंगे। 10 मार्च को बाबा श्याम की भव्य रथ यात्रा निकाली जाएगी। भक्तों की सुविधा के लिए रींगस से खाटू तक कारपेट बिछाया गया है।

मेले की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। संपूर्ण मेला क्षेत्र को 9 सेक्टर में बांटा गया है, जबकि पुलिस ने इसे 22 सेक्टरों में विभाजित किया है। 400 से अधिक सीसीटीवी कैमरों और 6 ड्रोन कैमरों से मेले की निगरानी की जा रही है। रींगस रोड से आने वाले श्रद्धालु नगरपालिका के पास मुख्य प्रवेश द्वार से होते हुए चारण मैदान पहुंच रहे हैं। वहां भक्तों की सुविधा के लिए टीन शेड से ढका अस्थायी जिगजैग मार्ग बनाया गया है, जिससे होते हुए वे लखदातार मैदान पहुंचेंगे। इस बार मंदिर परिसर को वैष्णो देवी और ‘शीश के दानी’ थीम पर सजाया गया है। सिंह द्वार पर बर्बरीक को श्रीकृष्ण को शीशदान करते हुए दर्शाया गया है, जबकि मंदिर में वैष्णो देवी की तर्ज पर लाल कपड़ों से बंधे नारियल और घंटियां लगाई गई हैं।

मेला प्रभारी व एसडीएम मोनिका सामोर ने बताया कि इस बार श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए चारण खेत में दर्शन के लिए 9 ब्लॉक बनाए गए हैं। सरकारी प्रोटोकॉल वाले वीआईपी को छोड़कर सभी के लिए विशेष दर्शन की व्यवस्था बंद रहेगी। दिव्यांगों और बुजुर्गों के लिए मंदिर से करीब 250 मीटर की दूरी पर लाला मांगेराम धर्मशाला के पास अलग लाइन बनाई गई है। व्हीलचेयर पर दिव्यांगों को इसी मार्ग से मंदिर तक ले जाकर दर्शन कराए जाएंगे।

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(Udaipur Kiran)

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