Uttrakhand

सरकार किसान और मजदूरों का लगातार कर रही उत्पीड़न: हरीश रावत

पत्रकारों से वार्ता करते हुए हरीश रावत

हरिद्वार, 28 फरवरी (Udaipur Kiran) । उत्तराखंड सरकार किसान मजदूर विरोधी है और उनके एजेंडे में किसान व मजबूर का हित शामिल नहीं है। यह बात पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पत्रकारों से वार्ता के दौरान कही। इसके साथ ही उन्होंने यूसीसी को उत्तराखंड की संस्कृति पर प्रहार बताया और कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के बयान को राज्य की मूल भावना पर चोट करने वाला कहा।

दिल्ली रोड स्थित एक होटल में शुक्रवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा किसान मजदूर सरकार के बजट में नहीं है। लगातार सरकार उनकी अनदेखी और उत्पीड़न पर उतारू है। गन्ने का सीजन समाप्त होने को है, लेकिन अब तक गन्ने का मूल्य घोषित नहीं किया गया।

कहा कि कांग्रेस सरकार ने हमेशा प्रदेश में अन्य प्रदेशों से ज्यादा गन्ना मूल्य दिया है। बाजारों में चीनी के मूल्य बढ़े हैं, लेकिन गन्ने का खरीद मूल्य नहीं बढ़ रहा। गन्ना मूल्य 450 रुपए प्रति क्विंटल होना चाहिए। रावत ने कहा कि इकबालपुर मिल से पैसे दिलवाने की योजना सरकार को बनानी चाहिए और वर्षों से बकाया भुगतान को चार पांच सालों में किस्तों के माध्यम से दिलवाया जाना चाहिये।

उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि सरकार दो चीनी मिलों को बंद किए जाने का षड्यंत्र कर रही है जिसमें इकबालपुर और डोईवाला शामिल है। इनके बंद होने से किसानों को मुश्किल होगी। यूसीसी के सवाल पर उन्होंने कहा यूसीसी उत्तराखंड की संस्कृति पर प्रहार है। यह सनातन की संस्कृति और संस्कारों पर हमला है। सनातन धर्म कभी लिव इन रिलेशनशिप जैसी कुरीतियों को मान्यता नहीं देता। उन्होंने कहा कि प्रेमचन्द अग्रवाल का बयान राज्य की मूलभावना पर चोट करता है। यह उत्तराखंड विरोधी बयान है जो कि प्रदेश की एकजुटता को खत्म करने का काम करता है।

इस मौके पर महानगर अध्यक्ष राजेंद्र चौधरी, विधायक फुरकान अहमद, विधायक काजी निजामुद्दीन, पूर्व राज्यमंत्री गौरव चौधरी, राव शेर मोहम्मद, श्रीगोपाल नारसन, प्रणय प्रताप सिंह, आदित्य राणा, मेलाराम प्रजापति, पंकज सैनी, सेठपाल परमार आदि उपस्थित रहे।

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(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

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