
जयपुर, 27 फरवरी (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट में धौलपुर में वकालत करने वाले अधिवक्ता की गुमशुदगी से जुडे मामले में राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन सहित दो निजी व्यक्तियों से जवाब तलब किया है। जस्टिस नरेन्द्र सिंह और जस्टिस भुवन गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश मीना मिश्रा व अन्य की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में अधिवक्ता दीनदयाल खंडेलवाल और सुरभि ने अदालत को बताया कि 23 सितंबर, 2023 को याचिकाकर्ता के पति प्रमोद कुमार मिश्रा घर से कोर्ट जाने के लिए निकले थे, लेकिन शाम को वापस घर नहीं आए। इस पर याचिकाकर्ता ने उन्हें अपने रिश्तेदारों और परिचितों के घर तलाशा, लेकिन वे वहां भी नहीं मिले। इस पर याचिकाकर्ता ने कोतवाली थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई। इसके बावजूद पुलिस ने उन्हंो तलाशने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की। याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को यह भी बताया गया कि उसने स्थानीय पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर कुछ संदिग्ध व्यक्तियों पर संदेह जताया था। इसके बावजूद पुलिस ने उनसे पूछताछ तक नहीं की। ऐसे में पुलिस को निर्देश दिए जाए कि वह उसके पति को तलाश कर अदालत में पेश करे। जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों और दो निजी व्यक्तियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
—————
(Udaipur Kiran) / राजेश
