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उपमुख्यमंत्री के निर्देश पर ऊना में अनूठी पहल, जिले में होगी तालाबों की गणना, डिजिटल रिकॉर्ड तैयार होगा

डिप्टी सीएम।

ऊना, 27 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । ऊना जिले में जल संरचनाओं के संरक्षण और विकास के लिए एक अनूठी पहल करते हुए जिले में तालाबों की गणना करके उनका डिजिटल रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने इसे लेकर जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं। इस पहल के तहत जिले में मौजूद सभी तालाबों के साथ साथ नए- पुराने डैम, कुएं, बावड़ियां, जलाशय और झीलों की विस्तृत गणना कर उनका डिजिटल रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा। इस कार्य की नोडल एजेंसी जिला ग्रामीण विकास प्राधिकरण होगी।

उपमुख्यमंत्री ने गुरुवार को ऊना के डीआरडीए बैठक कक्ष में जिले में जल संरक्षण और जल संरचनाओं के निर्माण को लेकर किए प्रयासों की समीक्षा और भविष्य की रणनीति पर चर्चा को लेकर अधिकारियों की बैठक लेते हुए यह निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि तालाबों को उनके आकार, जलभराव क्षमता और प्राकृतिक या मानव निर्मित होने के आधार पर वर्गीकृत किया जाएगा। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में उनकी क्रम संख्या तय होगी और मानकों के निर्धारण के लिए विषय विशेषज्ञों की सहायता ली जाएगी।

उन्होंने कहा कि यह पहल आने वाली पीढ़ियों के लिए जल संरक्षण को सुनिश्चित करने और जिले में जल संसाधनों के सतत विकास की दिशा में महत्वपूर्ण होगी।

अग्निहोत्री ने जिला प्रशासन को यह सुनिश्चित बनाने को कहा कि जिले में वन्य प्राणियों और पक्षियों के लिए भी जल संरचनाओं के निर्माण पर विशेष ध्यान दिया जाए। इसके अलावा, जिले में प्रवासी पक्षियों को रोकने और उनके ठहराव के लिए जल संरचनाओं में आवश्यक सुविधाएं विकसित करने की संभावनाएं तलाशने को कहा।

उन्होंने प्रशासन को निर्देश कि जिन तालाबों का ऐतिहासिक, सांस्कृतिक या पारिस्थितिक महत्व है, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और उन पर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण या छेड़छाड़ न हो। तालाबों के समतलीकरण की किसी भी स्थिति में अनुमति ना दी जाए।

इसके अलावा, उपमुख्यमंत्री ने स्वां नदी के किनारे सुंदर घाट विकसित करने की संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्वां नदी सोमभद्रा के नाम से भी विख्यात है, पर अब तक इसपर कोई घाट विकसित नहीं हुआ है। इसे अन्य प्रमुख नदियों की तरह पर्यटन और धार्मिक केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए।

उपमुख्यमंत्री ने जिले के प्रत्येक ब्लॉक में कम से कम पाँच ए-श्रेणी के तालाब विकसित करने का लक्ष्य दिया । संबंधित बीडीओ को निर्देश दिए कि इन तालाबों को इस तरह विकसित करें कि वे पर्यटन के आकर्षण केंद्र बन सकें। इनमें सौंदर्यीकरण, लाइटिंग, फेंसिंग, टहलने के ट्रैक और अन्य सुविधाएं विकसित की जाएं। इसके अलावा कम से कम हर ब्लॉक में 10-10 तालाब बी-श्रेणी के विकसित करें।

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(Udaipur Kiran) / विकास कौंडल

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