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वित्‍त मंत्री की अध्‍यक्षता में एक मार्च को होगा 49वां सिविल लेखा दिवस

49वें सिविल लेखा दिवस के अयोजन का जारी लोगो का प्रतीकात्मक चित्र

नई दिल्ली, 27 फरवरी (Udaipur Kiran) । केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण 01 मार्च, 2025 को नई दिल्ली में आयोजित भारतीय सिविल लेखा सेवा के स्थापना दिवस के अवसर पर 49वें सिविल लेखा दिवस के समारोह की बतौर मुख्य अतिथि अध्यक्षता करेंगी।

वित्‍त मंत्रालय ने गुरुवार को जारी एक बयान में कहा कि उद्घाटन सत्र के दौरान, “भारत में सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन का डिजिटलीकरण: परिवर्तनकारी दशक (2014-24)” शीर्षक से सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली पर एक सार संग्रह भी जारी किया जाएगा। इसके साथ ही लेखा महानियंत्रक (सीजीए) द्वारा विकसित और कार्यान्वित पीएफएमएस भुगतान, रसीद, लेखा, नकदी प्रबंधन और वित्तीय रिपोर्टिंग सहित सरकार के वित्तीय प्रशासन का प्रमुख आईटी प्लेटफॉर्म है।

मंत्रालय के मुताबिक सिविल लेखा सेवा स्थापना दिवस समारोह के दूसरे सत्र में 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया “वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत: अगला दशक” विषय पर संबोधन देंगे। इसके अलावा समारोह में भारतीय सिविल लेखा संगठन के अधिकारी और कर्मचारी, केंद्र सरकार के सचिव, वित्तीय सलाहकार, व्यय विभाग और अन्य केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, सेवानिवृत्त आईसीएएस अधिकारी, बैंकों और राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे।

भारतीय सिविल लेखा सेवा के 49वें स्थापना दिवस समारोह के दौरान यह लेखा संगठन डेटा-संचालित निर्णय लेने में उन्नत प्रौद्योगिकियों के इस्‍तेमाल, व्यापक डिजिटलीकरण द्वारा सेवा सुविधा बढ़ाने, सुरक्षित और कुशल वित्तीय प्रबंधन सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुन: पुष्टि करेगा। सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली केंद्र सरकार के सम्‍पूर्ण बजट के लेखांकन और उसके बजटीय भुगतान के 65 फीसद का कार्य संभालती है।

उल्‍लेखनीय है कि देश में भारतीय सिविल लेखा सेवा (आईसीएएस) की स्थापना 1976 में सार्वजनिक वित्तीय प्रशासन में महत्वपूर्ण सुधार के तहत की गई थी। भारत के तत्‍कालीन राष्ट्रपति ने 01 मार्च, 1976 को केंद्र सरकार के खातों को लेखापरीक्षा कार्यों से अलग करने संबंधी अध्यादेश जारी किए थे। तब से लेखा महानियंत्रक (सीजीए) के नेतृत्व में भारतीय सिविल लेखा सेवा वित्तीय प्रशासन में अग्रणी रहा है।

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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर

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