
नई दिल्ली, 27 फरवरी (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि जीएसटी और आबकारी मामलों के आरोपित भी अपराध प्रक्रिया संहिता और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत अग्रिम जमानत पाने के हकदार हैं। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश दिया।
इस आदेश का मतलब है कि जीएसटी और आबकारी मामलों के आरोपी को अगर अपनी गिरफ्तारी का डर है तो वो बिना एफआईआर दर्ज हुए भी अग्रिम जमानत याचिका दायर कर सकता है। कोर्ट ने कहा कि जीएसटी और आबकारी विभाग के अधिकारी पुलिस अधिकारी नहीं होते और वो पुलिस अधिकारियों की तरह की शक्तियों का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट जीएसटी कानून, सीमा शुल्क कानून और मनी लांड्रिंग कानून के विभिन्न प्रावधानों को चुनौती देने वाली करीब 281 याचिकाओं की एक साथ सुनवाई कर रहा था। कोर्ट ने कहा था कि अगर जरूरत हुई तो वह स्वतंत्रता को मजबूत बनाने के लिए कानून की व्याख्या करेगी, लेकिन आम नागरिकों को परेशान नहीं होने देगी।
(Udaipur Kiran) /संजय
(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम
