
शिमला, 26 फरवरी (Udaipur Kiran) । नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार प्रदेश में घोटालों और भ्रष्टाचार का पर्याय बन गई है। उन्होंने कहा कि जहां भी नजर उठाई जाए वहां घोटाले ही घोटाले नज़र आ रहे हैं। जयराम ठाकुर ने आज जारी एक बयान में आरोप लगाया कि सामाजिक और अधिकारिता विभाग में कुछ एनजीओ के 97 लाख रुपये के प्रोजेक्ट्स को मंजूरी देने में अनियमितताएं सामने आई हैं। यह प्रोजेक्ट्स उन एनजीओ के लिए मंजूर किए गए हैं जिनके खिलाफ सक्षम अधिकारियों ने कार्रवाई की सिफारिश की थी।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस मामले में उच्च अधिकारियों ने नियमों की अनदेखी की और अपने अधीनस्थों की सिफारिशों को ठुकराकर उन एनजीओ को मंजूरी दी। उन्होंने सवाल उठाया कि जिन संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई हो, उनके प्रति उच्च अधिकारी किस आधार पर मेहरबान हो सकते हैं? जयराम ठाकुर ने यह भी पूछा कि ऐसा किसके कहने पर किया गया और इसके पीछे की मंशा क्या थी?
उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि एक ओर जहां सरकार आर्थिक बदहाली का हवाला देते हुए प्रदेशवासियों पर तमाम टैक्स लाद रही है और आम लोगों की सहूलियतें छीन रही है, वहीं दूसरी ओर वह अपने मित्रों के लिए नियमों को दरकिनार कर केंद्रीय सरकार के करोड़ों रुपये लुटा रही है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार के फैसलों में पक्षपात दिखाई दे रहा है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि राज्य स्तरीय बहुविषयक अनुदान सहायता समिति (एमडीडीजीआई) की बैठक में कांगड़ा की तीन एनजीओ के प्रोजेक्ट को सदस्य सचिव ने अनियमितता के आधार पर नामंजूर कर दिया था और उनके पंजीकरण रद्द करने की सिफारिश की गई थी। लेकिन बाद में उन एनजीओ को सशर्त मंजूरी दी गई और उनके प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजने की सिफारिश की गई।
नेता प्रतिपक्ष ने सवाल किया कि एक महीने से ज्यादा समय होने के बावजूद सरकार ने इस ग़लत काम का समर्थन क्यों किया और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की? उन्होंने यह भी पूछा कि मुख्यमंत्री इस घोटाले के समर्थन करने वाले अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई कर रहे हैं।
इसके साथ ही जयराम ठाकुर ने कहा कि यह पहला मामला नहीं है, जब केंद्र सरकार के धन का दुरुपयोग किया गया हो। उन्होंने आईजीएमसी में बंद पड़े ट्रामा सेंटर में ढाई करोड़ रुपये के घोटाले और प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना के तहत 8.75 करोड़ रुपये के दुरुपयोग का भी हवाला दिया। जयराम ठाकुर ने मांग की कि सरकार भ्रष्टाचार को संरक्षण देना बंद करे और इस मामले की उच्चस्तरीय जांच करवाई जाए।
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(Udaipur Kiran) शुक्ला
