
मुरादाबाद, 26 फरवरी (Udaipur Kiran) । आर्य समाज मंडी बांस मुरादाबाद के 146 वें वार्षिकोत्सव एवं ऋषि बोधोत्सव कार्यक्रम के दूसरे दिन बुधवार को महायज्ञ, भक्ति भजन एवं वेद प्रवचन सम्पंन हुआ। महायज्ञ के ब्रह्मा और देश के आर्य जगत के उच्च कोटि के अंतरराष्ट्रीय वैदिक विद्वान आचार्य योगेश भारद्वाज ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि वेदों के स्वाध्याय से मनुष्य का जीवन सात्विक, परोपकारी, धर्म परायण और अनंत गुणों से विद्यमान हो जाता है। इसलिए हम सभी को वैदिक सिद्धांतों पर चलते हुए अपने इस अनमोल जीवन को जीना चाहिए।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए मंत्री और योग विशेषज्ञ डाॅ.मनोज आर्य ने बताया कि यह तीन दिवसीय कार्यक्रम 27 फरवरी तक आयोजित होगा। प्रतिदिन प्रातःकाल और सायंकाल में कुल 6 सत्रों में कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
आचार्य योगेश भारद्वाज ने कहा कि हमें प्रतिदिन संध्या,प्रार्थना,उपासना करनी चाहिए। संध्या का मतलब होता है प्रातः और सायं जब दिन और रात मिलते हैं ,मनुष्य प्रातःकाल संध्या में बैठकर रात के समय में आए मानसिक दोष को दूर करें और सायंकाल संध्या में बैठकर दिन में आए मानसिक दोष को दूर करें अर्थात दोनों संध्या में बैठकर उससे पहले समय में आए मानसिक विकारों पर चिंतन,मनन और पश्चाताप करके उन्हें आगे न आने देने का निश्चय करें। साथ ही हमें पंच महायज्ञ को अपने जीवन में धारण करना चाहिए। इसमें ब्रह्म यज्ञ अर्थात संध्योपासना करना। देव यज्ञ अर्थात घर में प्रतिदिन यज्ञ हवन करके शुद्ध,पवित्र करना। मातृ पितृ यज्ञ अर्थात अपने जीवित माता-पिता और बुजुर्गाे की भरपूर सेवा करना। बलीवैश्य यज्ञ अर्थात गौ सेवा, पशु पक्षियों की अपनी साम्यर्थ के अनुसार सेवा करना। अतिथि यज्ञ अर्थात जिसके आने की कोई तिथि न हो या अचानक आए हुए वैदिक विद्वान या वेदों के शास्त्रार्थकार का आतिथ्य और सेवा करना चाहिए।
(Udaipur Kiran) / निमित कुमार जायसवाल
