Uttar Pradesh

राष्ट्रऋषि नानाजी ने त्यागमुक्त जीवन के साथ विकास का भारतीय मॉडल किया खड़ा : शिवप्रकाश

राष्ट्रऋषि नानाजी ने त्यागमुक्त जीवन के साथ विकास का भारतीय मॉडल किया खड़ा - शिवप्रकाश
राष्ट्रऋषि नानाजी ने त्यागमुक्त जीवन के साथ विकास का भारतीय मॉडल किया खड़ा - शिवप्रकाश

-नानाजी की 15वीं पुण्यतिथि पर चित्रकूट के दीनदयाल परिसर में 5 स्थानों पर शुरू हुए सेमिनार

-कई विश्वविद्यालयों और सामाजिक संस्थाओं से ख्याति प्राप्त विशेषज्ञ पहुंचे चित्रकूट

चित्रकूट,25 फरवरी (Udaipur Kiran) । भारत रत्न नानाजी देशमुख के निर्वाण के 15 वर्ष पूर्ण होने पर उनकी 15 वीं पुण्यतिथि पर 25, 26 एवं 27 फरवरी को दीनदयाल परिसर के लोहिया सभागार एवं विवेकानंद सभागार में पांच अलग-अलग राष्ट्रीय सम्मेलन व संगोष्ठी आयोजित की जा रही है। जिसका सामूहिक उद्घाटन सत्र मंगलवार को विवेकानन्द सभागार में भाजपा के अखिल भारतीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश, अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के राष्ट्रीय संगठन मंत्री दिनकर सबनीस, मध्यप्रदेश के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं देव तालाब से विधायक गिरीश गौतम, सीधी सांसद डॉ राजेश मिश्रा, पदमश्री डॉ बी के जैन, दीनदयाल शोध संस्थान के प्रधान सचिव अतुल जैन आदि विद्युत जनों के आतिथ्य में किया गया। इस मौके पर हरी मोहन सिंह इंटर कालेज बछरन चित्रकूट के प्रबंधक हरी मोहन सिंह ने राष्ट्रऋषि नानाजी देशमुख की सम्पूर्ण जीवन गाथा को गीत के रूप के रूप में प्रस्तुत किया। जिस पर अतिथियों द्वारा उन्हे विशेष रूप से सम्मानित किया गया।

उद्घाटन सत्र का संचालन करते हुए दीनदयाल शोध संस्थान के महाप्रबंधक अमिताभ वशिष्ठ ने तीन दिन तक चलने वाले कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला। उद्घाटन सत्र में पदमश्री डॉ बी के जैन ने नानाजी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि नाना जी का जो सपना था अंतिम छोर के व्यक्ति का उत्थान और विकास वह तभी पूर्ण होगा जब देश का हर एक नागरिक उसे अपना कर्तव्य मानकर अपना योगदान देगा। सुश्री उषा ठाकुर ने नाना जी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके बताएं मार्ग पर अनुसरण करने की बात कही।

अपने मुख्य आतिथ्य उद्बोधन में भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश ने कहा कि समाज जीवन में काम करने वाले सभी लोगों के लिए नाना जी का जीवन प्रेरणा स्रोत रहा है। संपूर्ण देश के अंदर विद्या भारती का बीजारोपण करने वाले नाना जी थे, देश का पहला शिशु मंदिर गोरखपुर में नानाजी ने शुरू किया। नानाजी ने सारे आकर्षणों को छोड़कर त्यागमुक्त जीवन के मार्ग पर चलकर लोकशक्ति के जागरण के लिए पंडित दीनदयाल जी के एकात्म दर्शन को व्यावहारिक रूप में समग्र दृष्टिकोण के साथ विकास का भारतीय मॉडल गोंडा और चित्रकूट से काम शुरू करके दिखाया। पानी की एक-एक बूंद को बचाने के लिए नानाजी ने जल संरक्षण का जो मॉडल तैयार किया उस मॉडल पर आज पूरे देश में काम करने की जरूरत है। यही सही मायने में विकास का भारतीय मॉडल है। नाना जी की पुण्यतिथि के अवसर पर उनका स्मरण करने का मतलब उनकी प्रतिभा, उनका संगठन कौशल, उनका त्यागमय जीवन को जरा भी अपने जीवन में आत्मसात कर सकें तो वही नानाजी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।इस दौरान दीनदयाल शोध संस्थान के राष्ट्रीय संगठन सचिव अभय महाजन, कोषाध्यक्ष वसंत पंडित और सचिव राजेश महाजन आदि उपस्थित रहे।

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(Udaipur Kiran) / रतन पटेल

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