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उत्तराखंड उपनल संविदा कर्मचारी संघ की अवमानना याचिका से जुड़े मामले में चार सप्ताह के भीतर जबाव दाखिल करने के निर्देश

नैनीताल हाईकोर्ट।

नैनीताल, 25 फरवरी (Udaipur Kiran) । हाई कोर्ट ने उत्तराखंड उपनल संविदा कर्मचारी संघ की अवमानना याचिका की सुनवाई के बाद सरकार के पूर्व के आदेश पर की गई कार्यवाही के सम्बंध में चार सप्ताह के भीतर जबाव दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

मंगलवार को हाई कोर्ट के वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार ‘उत्तराखंड उपनल संविदा कर्मचारी संघ बनाम राधा रतूड़ी, मुख्य सचिव उत्तराखंड सरकार’ सम्बन्धी अवमानना याचिका दायर की गई थी। अवमानना याचिका में कहा गया कि उत्तराखंड हाई कोर्ट ने 2018 में संविदा कर्मियों को नियमित किये जाने के निर्देश दिए थे, जिसके खिलाफ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की। सुप्रीम कोर्ट ने 15 अक्टूबर 2024 को सरकार की एसएलपी को खारिज कर दिया लेकिन सरकार द्वारा नियमितीकरण की कार्यवाही नहीं की गई। इस मामले में उपनल संविदा कर्मचारी संघ की ओर से मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता जेएम शर्मा ने पैरवी की जबकि मुख्य सचिव की और से शपथ पत्र दायर कर कहा गया कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के सम्बन्ध में रिव्यू पिटीशन दायर की है। उनकी ओर से रिव्यू पिटीशन में फैसला आने तक अवमानना को स्थगित रखने की प्रार्थना की। उपनल संविदा कर्मचारी संघ के अधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का जिक्र करते हुए कहा कि रिव्यू दाखिल कर देने से आदेश की पालना नहीं रुक जाता। कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद पूर्व के आदेश पर हुई कार्यवाही पर जबाव देने का समय राज्य सरकार को दिया है। सुनवाई के दौरान उपनल कर्मचारी संघ के हाई कोर्ट के अधिवक्ता एमसी पंत ने कोर्ट को यह अवगत कराया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी उपनल कर्मचारियों को हटाया जा रहा है।

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(Udaipur Kiran) / लता

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