
जयपुर, 25 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । प्रदेश की 6759 ग्राम पंचायतों के चुनाव स्थगित कर उनमें प्रशासक लगाने के खिलाफ दायर याचिका में राज्य सरकार की ओर से जवाब पेश किया गया है। राज्य सरकार के जवाब को रिकॉर्ड पर लेते हुए अदालत ने मामले की सुनवाई 3 मार्च तक टाल दी। जस्टिस इन्द्रजीत सिंह और जस्टिस मनीष शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश गिरिराज सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से जवाब पेश कर कहा गया कि प्रदेश में वन स्टेट-वन इलेक्शन का परीक्षण प्रस्तावित है और इसके लिए उच्चस्तरीय कमेटी का भी गठन किया जाना है। यह कमेटी नगरीय निकाय और पंचायती राज संस्थाओं के सशक्तिकरण और धन, श्रम व समय की बचत को लेकर परीक्षण करेगी। फिलहाल पुनर्गठन और परिसीमन का काम चल रहा है। इसलिए पंचायत चुनाव स्थगित किए गए हैं। राज्य सरकार की ओर से अपने जवाब में कहा गया कि पंचायती राज अधिनियम के प्रावधानों के तहत जिन पंचायतों के चुनाव स्थगित किए है, उनमें प्रशासक लगाए गए हैं। अधिनियम के तहत राज्य सरकार को प्रशासक लगाने का अधिकार है, लेकिन एक्ट में यह नहीं कहा गया कि किसे प्रशासक नहीं लगाया जा सकता। वहीं दूसरी ओर याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता प्रेमचंद देवंदा ने अदालत को कहा कि गत सुनवाई को अदालत ने राज्य सरकार से यह बताने को कहा था कि इन पंचायतों में चुनाव कब तक कराएगी। राज्य सरकार की ओर से इस संबंध में अदालत को जानकारी नहीं दी गई है। याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि कार्यकाल समाप्त होने के बाद Îनिवर्तमान सरपंच निजी व्यक्ति हो गए हैं और निजी व्यक्ति को प्रशासक लगाकर वित्तीय अधिकार नहीं दिए जा सकते। इनकी जगह पर सरकारी अधिकारी ही प्रशासक लगाया जा सकता है और वह भी अधिकतम छह माह के लिए ही प्रशासक रह सकता है। गौरतलब है कि प्रदेश की 6759 ग्राम पंचायतों के चुनाव स्थगित कर राज्य सरकार ने मौजूदा सरपंचों को ही प्रशासक नियुक्त कर दिया था।
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(Udaipur Kiran)
