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जजों के रिक्त पद भरने की मांग में कार्य से विरत रहे वकील

इलाहाबाद हाईकाेर्ट्

-इलाहाबाद हाईकोर्ट पर 11 लाख 49 हजार 453 मुकदमों का बोझ

प्रयागराज, 25 फरवरी (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाईकोर्ट में जजों के स्वीकृत पद से आधे से अधिक रिक्त होने, समय से नियुक्ति न होने और लंबित मुकदमों के बढ़ते बोझ की समस्या को लेकर वकील मंगलवार को न्यायिक कार्य से विरत रहे।

हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी का कहना है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में जजों की कुल स्वीकृत संख्या 160 है, लेकिन यह संख्या कभी नहीं पूरी की गई। पिछले साल न्यायाधीशों के लगातार रिटायर होने के कारण जजों की संख्या आधी से भी कम रह गई है।

दूसरी ओर लम्बित मुकदमों की संख्या में काफी बढ़ोत्तरी हुई है। वर्तमान में इलाहाबाद हाईकोर्ट पर 11 लाख 49 हजार 453 मुकदमों का बोझ है। 25 करोड़ जनसंख्या वाले प्रदेश की सर्वोच्च न्याय पालिका में मुकदमों का बढ़ता बोझ व वादकारियों को न्याय मिलने में देरी चिंता का कारण है।

संयुक्त सचिव प्रेस पुनीत शुक्ल ने बताया कि अधिवक्ता मंगलवार को सुबह हाईकोर्ट के विभिन्न गेटों पर एकत्र रहे और अंदर नहीं गए। उन्होंने बताया कि महाशिवरात्रि स्नान पर्व पर भीड़ के कारण उसके अगले दिन भी आवागमन प्रभावित होने की सम्भावना को देखते हुए आपात बैठक कर महासचिव विक्रांत पांडेय ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर 27 फरवरी को नो एडवर्स ऑर्डर जारी करने का अनुरोध किया है।

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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे

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