
नवादा, 25 फरवरी (Udaipur Kiran) ।देश संविधान और कानून से चलता है और उसके लिए न्यायालय है। ऐसे ही एक मामले में न्यायालय ने संज्ञान लिया है। नवादा व्यवहार न्यायालय के सब जज प्रथम आशीष रंजन की कोर्ट ने मंगलवार को नवादा समाहरणालय और जिला अतिथि गृह भवन को कुर्क करने का आदेश दिया है।
फुलवरिया जलाशय परियोजना रजौली में कई विस्थापितों की जमीन का मुआवजा अब तक नहीं दिया गया हैं, जिसको लेकर नवादा व्यवहार न्यायालय में कई वाद दर्ज हैं। नवादा व्यवहार न्यायालय सब जज प्रथम आशीष रंजन ने इजराइ वाद संख्या 3/2002 में शांति देवी वगैरह बनाम बिहार सरकार वगैरह जिला समाहर्ता नवादा, कार्यपालक अभियंता फुलवरिया जलाशय परियोजना रजौली नवादा, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी सह विशेष भूअर्जन पदाधिकारी नवादा मामले में नवादा समाहरणालय और नवादा परिसदन भवन (जिला अतिथि गृह भवन ) को कुर्क करने का आदेश दिया गया है।
समाहरणालय और जिला अतिथि गृह भवन कुर्क करने का आदेश
नवादा समाहरणालय और जिला अतिथि गृह भवन में ढोल बजाकर नवादा व्यवहार न्यायालय कर्मी ने वादी के अधिवक्ता रंजीत पटेल के साथ कुर्क का इश्तेहार चिपकाया। बता दें कि वादी के पक्ष से अधिवक्ता रंजीत कुमार पटेल इस मामले को देख रहे हैं। बिहार सरकार की उदासीनता के कारण साल 2015 में इस मामले में 10 लाख 27 हजार 388 रुपये 27 पैसे का भुगतान किया जाना था, जो भुगतान नहीं किए जाने के कारण प्रतिवर्ष 15 प्रतिशत सूद की राशि के साथ भुगतान करना होगा, जो लगभग 25 लाख रुपये राशि भुगतान करना होगा। राशि का भुगतान नहीं किए जाने पर नवादा समाहरणालय और जिला अतिथि गृह भवन की नीलामी का आदेश दिया जाएगा। न्यायालय के आदेश से सरकारी महकमे में हड़कंप मच गया है ।अब देखना है कि सरकार इस मामले में क्या निर्णय ले पाती है।
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(Udaipur Kiran) / संजय कुमार सुमन
