Delhi

डीएमआरसी ने फेज-चार का निर्माण कार्य पूरा किया

मेट्रो की फोटो

नई दिल्ली, 25 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) ने चौथे चरण का निर्माण कार्य पूरा कर लिया है। डीएमआरसी के अनुसार तुगलकाबाद-एरोसिटी कॉरिडोर के छतरपुर मंदिर और इग्नू स्टेशन के बीच एक भूमिगत सुरंग का निर्माण पूरा हो गया है। इग्नू स्टेशन पर टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) की सफल ब्रेकथ्रू प्रक्रिया में मंगलवार को उप नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक आनंद मोहन बजाज, अपर उप नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक प्रमोद कुमार, डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक डॉ. विकास कुमार के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) ने मंगलवार सुबह इग्नू स्टेशन पर, 1475.00 मी. लंबी सुरंग का निर्माण पूरा कर लिया। यह कार्य 97 मीटर लंबी विशाल टीबीएम का उपयोग करके संपन्न किया गया।

डीएमआरसी के अनुसार इस खंड में अप और डाउन मूवमेंट के लिए दो समानांतर गोलाकार सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है। दूसरी समानांतर सुरंग का ब्रेकथ्रू मार्च 2025 में निर्धारित है। यह नई सुरंग औसतन 26.0 मीटर की गहराई पर बनाई गई है (न्यूनतम गहराई 15.0 मी. और अधिकतम 36 मी.), जिससे यह दिल्ली मेट्रो की सबसे गहरी सुरंगों में से एक बन गई है। हौज ख़ास स्थित मैजेंटा लाइन की सुरंग लगभग 30 मीटर की गहराई पर बनी है। इस सुरंग में 1048 रिंग्स लगाए गए हैं, जिनका आंतरिक व्यास 5.8 मीटर है। इस सुरंग का निर्माण ईपीबीएम (अर्थ प्रेशर बैलेंसिंग मेथड) तकनीक का उपयोग करके किया गया है। जिसमें प्रीकास्ट टनल रिंग्स की कंक्रीट लाइनिंग की गई है। इन टनल रिंग्स को मुंडका में स्थापित एक पूरी तरह से स्वचालित कास्टिंग यार्ड में तैयार किया गया था। इसमें कंक्रीट सेगमेंट को शीघ्र मजबूती प्रदान करने के लिए स्टीम क्योरिंग सिस्टम के माध्यम का उपयोग किया गया।

डीएमआरसी ने आगे बताया कि इस सुरंग की बोरिंग प्रक्रिया चार दिसंबर 2023 को शुरू हुई थी, जिसमें तीव्र ढलान और अभ्रक तथा कठोर चट्टान जैसी विविध भूगर्भीय चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इस कारण स्क्रू ऑगर क्षतिग्रस्त हो गया और इसे सुरंग निर्माण के दौरान बदला गया। मौजूदा वायाडक्ट और आसपास के निर्मित ढांचों के नीचे सुरंग निर्माण के दौरान सभी आवश्यक सुरक्षा उपाय अपनाए गए। इसके अलावा पास की संरचनाओं पर उच्च संवेदनशीलता वाले उपकरण लगाए गए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी भूमि धंसाव न हो। अब तक स्वीकृत चौथे चरण के कार्य के तहत कुल 40.109 कि.मी. भूमिगत लाइनों का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें एरोसिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर के तहत 19.343 कि.मी. भूमिगत सेक्शन शामिल है।

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(Udaipur Kiran) / कुमार अश्वनी

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