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सैनिकों के परिवारों की शिकायतों के लिए तंत्र बनाएं, हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दिया निर्देश

इलाहाबाद हाईकोर्ट

प्रयागराज, 24 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सेना व सशस्त्र बलों के जवानों को देश का गौरव बताते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिया कि उनके परिवार के सदस्यों की शिकायतों के निस्तारण के लिए समुचित तंत्र बनाए। कोर्ट ने कहा कि कृतज्ञ राष्ट्र पर यह सुनिश्चित करने का गंभीर दायित्व है कि ऐसे परिवार के सदस्यों को पूरी तरह से संरक्षित कर उनका कल्याण राज्य सरकार द्वारा किया जाए।

यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट ने संवेदनशील सीमा क्षेत्र पर तैनात सैन्यकर्मी की सहायक शिक्षिका पत्नी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने इस संबंध में कुछ सुझाव भी दिए हैं। प्रकरण में कोर्ट में फिर सुनवाई होगी। मामला फिरोजाबाद जिले का है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि राज्य को सैन्यकर्मियों के परिवारों से जुड़ी शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई करना चाहिए।

पीड़ितों को कभी भी असहाय या असुरक्षित नहीं छोड़ा जाना चाहिए। सैन्यकर्मी ने पत्नी से अशोभनीय हरकत के लिए डीएम व एसपी सहित स्थानीय अधिकारियों से कार्रवाई की मांग की थी। लेकिन मामले को सुलझाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई। इतना हुआ कि आरोपी शिक्षामित्र का स्थानांतरण कर दिया गया लेकिन उसने दोबारा स्कूल में आकर अशोभनीय हरकत की।

याची के अधिवक्ता ने कोर्ट से कहा कि राज्य के अधिकारी शिकायत का समाधान नहीं कर रहे हैं और इससे याची के पति की राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों को पूरा करने की क्षमता प्रभावित हो रही है। कोर्ट ने कहा कि सैन्यकर्मियों के परिवार की शिकायत का प्राथमिकता से समाधान करना चाहिए। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए और एक जवाबदेही प्रणाली विकसित की जानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही न हो।

कोर्ट ने सुझाए ये बिंदु- राज्य सरकार वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी और इनपुट लेकर सेवारत रक्षाकर्मियों के परिवारों के लिए कल्याणकारी उपायों, शिकायत निवारण तंत्र बनाए।

– स्थायी समिति वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों (तीनों सेवाओं के हितों का प्रतिनिधित्व करने वाले) और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से बनाई जाए।

– यह समिति सर्वोच्च निकाय होगी। सरकारी आदेशों, शिकायत निवारण तंत्र के कार्यान्वयन की निगरानी करेगी। नियमित अंतराल पर बैठक करेगी।

– शिकायत निवारण और कल्याणकारी उपायों की योजना में प्रक्रिया और इसे लागू करने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को नामित किया जाए।

– प्राप्त अनुभव के आधार पर प्रक्रिया और कल्याणकारी उपायों तथा शिकायत निवारण तंत्र को समय-समय पर उन्नत किया जाए।

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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे

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