Uttar Pradesh

अयोध्या सभी धर्मों के लिए महत्वपूर्ण स्थलः प्रो0 अमर सिंह

अवध विश्वविद्यालय संगोष्ठी

-अयोध्या में जन्मे भगवान श्रीराम ने सम्पूर्ण विश्व को पाठ पढ़ायाः प्रो0 अजय प्रताप सिंह

अयोध्या, 24 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । अयोध्या महात्म्य तेरहवीं शताब्दी ई0 से इक्कीसवीं शताब्दी ई0 तक शीर्षक पर डॉ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित श्री ऋषभदेव जैन शोध पीठ में एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन सोमवार को किया गया। इस अवसर पर लखनऊ विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त आचार्य प्रो0 अमर सिंह ने सर्वप्रथम अयोध्या का ऐतिहासिक, पुरातात्विक, धार्मिक, आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व को बताते हुए अयोध्या महात्म्य में जैन धर्म के विभिन्न पहलुओं को किया।

उन्होंने कहा कि अयोध्या सभी धर्मों के लिए महत्वपूर्ण स्थल है न केवल सनातन धर्म के लिए बल्कि जैन धर्म के अनुयायियों के लिए भी यह अत्यन्त पवित्र स्थल है। उन्होंने बताया कि अयोध्या में ही जैन धर्म के पांच तीर्थंकरों का जन्म हुआ था। तीर्थंकर ऋषभदेव, अजीतनाथ, अभिनंदननाथ, सुमतिनाथ, अनन्तनाथ तथा धर्मनाथ ने अयोध्या में जन्म लेकर इस नगरी को जैन धर्मावलम्बियों के लिए पूज्यनीय बनाया। उन्होंने बताया कि तीर्थंकर भगवान श्री ऋषभदेव ने अयोध्या की धरती से ही सम्पूर्ण विश्व को विकसित करने का मूलमन्त्र दिया। संगोष्ठी में इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्त्व विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो0 अजय प्रताप सिंह ने अपने उदबोधन में कहा कि भगवान राम के नाम के बिना अयोध्या के महत्व की चर्चा प्रारम्भ ही नहीं हो सकती। अयोध्या में जन्मे भगवान श्रीराम ने सम्पूर्ण विश्व को मर्यादा और आचरण का पाठ पढ़ाया जिसे आज हम सभी को आत्मसात करना है। उन्होंने भगवान श्रीराम के द्वारा जीवन के सभी पहलुओं पर स्थापित किए गए सिद्धांतों के बारे में विस्तार से बताया।

प्रौढ़ शिक्षा विभाग के प्रो0 अनूप कुमार ने अयोध्या के महात्म्य के अंतर्गत अयोध्या की त्याग, तपस्या, वैराग्य तथा पुरातन संस्कृति के बारे में बताया। उन्होंने रामायण से जुड़े सभी पात्रों के त्याग और समर्पण की चर्चा की। संगोष्ठी में श्री रामकथा संग्रहालय के पूर्व निदेशक प्रो0 एस0 एन0 उपाध्याय ने कहा कि अयोध्या और भगवान श्रीराम एक दूसरे के पर्याय हैं। बिना श्रीराम के अयोध्या की कल्पना ही नहीं की जा सकती है। उन्होंने श्री राम के आदर्शों को पर चलने के लिए सभी का आह्ववाहन किया। साकेत महाविद्यालय की प्रो0 कविता सिंह ने अयोध्या में जैन धर्म की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अयोध्या नगरी सभी धर्मों के लिए पवित्र है।

इसी क्रम में रमाबाई राजकीय महिला महाविद्यालयए अम्बेडकरनगर के सहायक आचार्य डॉ0 रविन्द्र कुमार वर्मा एवं डॉ0 अनूप पांडेय द्वारा भी अयोध्या महात्म्य से जुड़े अपने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये गए। संगोष्ठी में ऋषभदेव जैन शोध पीठ के सह आचार्य डॉ0 देव नारायण वर्मा द्वारा उपस्थित सभी अतिथियों का अंगवस्त्र एवं स्मृति चिह्न देकर स्वागत किया गया। उन्होंने अपने संबोधन में ऋषभदेव जैन शोध पीठ की प्रगति आख्या प्रस्तुत की।

(Udaipur Kiran) / पवन पाण्डेय

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