
जींद , 24 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । जिला परिषद अध्यक्षा मनीषा रंधावा व उनके पति कुलदीप रंधावा के भाजपा में शामिल होने के बाद उनकी कुर्सी भी सेफ हो गई। सोमवार को बैठक में चेयरपर्सन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ओंधे मुंह गिर गया। चेयरपर्सन के खिलाफ वोटिंग में विरोधी गुट से एक भी पार्षद नहीं पहुंचा। लगभग 30 मिनट तक इंतजार भी किया गया।
अविश्वास बैठक की अध्यक्षता कर रहे डीसी मोहम्मद इमरान रजा ने प्रस्ताव को असफल घोषित कर दिया। नियमानुसार अब अगले एक साल तक विरोधी अविश्वास प्रस्ताव नहीं ला पाएंगे। हालांकि शनिवार को चेयरपर्सन के भाजपा में शामिल होने के बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि अविश्वास प्रस्ताव गिर सकता है। क्योंकि विरोधी खेमे के पार्षद भी भाजपा समर्थित ही थे। ऐसे में मनीषा रंधावा ने भाजपा में शामिल होकर पासा पलट दिया। इससे पहले तीन बार चेयरपर्सन के खिलाफ वोटिंग के लिए निर्धारित बैठकें रद्द हो चुकी थी।
सोमवार को चौथी बार दोपहर बाद तीन बजे से साढ़े तीन बजे का समय अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के लिए तय किया गया था। डीसी मोहम्मद इमरान रजा बैठक में समय पर पहुंच गए। चेयरपर्सन मनीषा रंधावा और सीईओए डीडीपीओ संदीप भारद्वाज समेत दूसरे अधिकारी भी मौजूद रहे। वोटिंग शुरू हुई लेकिन विरोधी खेमे से कोई भी पार्षद नहीं आया। प्रशासनिक अधिकारी द्वारा तीन बज कर 20 मिनट तक इंतजार के बाद जिला परिषद हाल के बाहर आकर अनाउंस किया लेकिन कोई पार्षद नहीं पहुंचा तो साढ़े तीन बजे के बाद अविश्वास प्रस्ताव को असफल घोषित कर दिया गया। जिप अध्यक्षा मनीषा रंधावा ने बताया कि उनके पास बहुमत से ज्यादा पार्षद थे। इसलिए शुरू से ही उनकी कुर्सी को कोई खतरा नही था। सोमवार को हुई बैठक के बाद अटके हुए कार्य शुरू हो जाएंगें।
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(Udaipur Kiran) / विजेंद्र मराठा
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