Uttar Pradesh

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के हीरक जयंती के अवसर पर एलुमनाई मीट 2025 का भव्य आयोजन

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के हीरक जयंती के अवसर पर एलुमनाई मीट 2025 का भव्य आयोजन*
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के हीरक जयंती के अवसर पर एलुमनाई मीट 2025 का भव्य आयोजन*
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के हीरक जयंती के अवसर पर एलुमनाई मीट 2025 का भव्य आयोजन*
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के हीरक जयंती के अवसर पर एलुमनाई मीट 2025 का भव्य आयोजन*
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के हीरक जयंती के अवसर पर एलुमनाई मीट 2025 का भव्य आयोजन*

गोरखपुर, 22 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की हीरक जयंती के अवसर पर गणित एवं सांख्यिकी विभाग में एलुमनाई मीट 2025 का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में विभाग के पूर्व छात्रों ने भाग लिया और अपनी पुरानी यादों को ताज़ा किया। यह आयोजन पूर्व छात्रों और विभाग के बीच संबंधों को मजबूत करने के साथ-साथ विश्वविद्यालय की उपलब्धियों और गौरवशाली इतिहास को मनाने का एक अवसर बना।

कार्यक्रम की शुरुआत विभागाध्यक्ष प्रो. विजय शंकर वर्मा के स्वागत भाषण से हुई। उन्होंने पूर्व छात्रों का अभिनंदन किया और विभाग के निरंतर विकास में उनके योगदान की सराहना की। इस अवसर पर प्रो. विजय शंकर वर्मा एवं प्रो. सुधीर कुमार श्रीवास्तव ने मुख्य अतिथि यू.पी. सिंह का स्वागत किया और अपनी शुभकामनाएं व्यक्त की।

इसके बाद प्रो. विजय कुमार ने विभाग की उपलब्धियों, विकास यात्रा और शोध कार्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने पूर्व छात्रों की भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि वे अपने अनुभवों से वर्तमान छात्रों का मार्गदर्शन कर सकते हैं और विभाग की उन्नति में योगदान दे सकते हैं।

कार्यक्रम में एम.एससी. की छात्रा मैत्री ने संस्कृत में एक सुंदर गीत प्रस्तुत कर अतिथियों का स्वागत किया। उनके मधुर स्वर और शुद्ध संस्कृत उच्चारण ने सभा का ध्यान आकर्षित किया और कार्यक्रम में एक विशेष सांस्कृतिक छटा जोड़ दी।

यूपी सिंह, जो 1985 में इसी विश्वविद्यालय से एम.एससी. (गणित) की उपाधि प्राप्त कर चुके हैं, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे। उन्होंने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से विभिन्न प्रशासनिक पदों पर कार्य किया है और वर्तमान में गोरखपुर विकास प्राधिकरण के सचिव के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। अपने संबोधन में उन्होंने विश्वविद्यालय से प्राप्त शिक्षा और मार्गदर्शन के प्रति आभार व्यक्त किया और छात्रों को मेहनत और लगन से अपने लक्ष्य प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया।

उन्होंने अपने छात्र जीवन के अनुभव साझा करते हुए बताया कि किस तरह विश्वविद्यालय की शिक्षा, प्राध्यापकों का मार्गदर्शन और सहयोगी वातावरण ने उनके करियर को दिशा दी। उन्होंने विशेष रूप से संघर्ष के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि किसी भी सफलता के पीछे कठिन परिश्रम और चुनौतियों का सामना करने की शक्ति होती है।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि प्रीति निषाद भी उपस्थित रहीं, जिन्होंने 2023 में इसी विश्वविद्यालय से एम.एससी. (गणित) की उपाधि प्राप्त की थी और वर्तमान में भारतीय स्टेट बैंक, खलीलाबाद में कार्यरत हैं। उन्होंने अपने संबोधन में बैंकिंग क्षेत्र में गणित की उपयोगिता पर चर्चा की और छात्रों को मेहनत, दृढ़ निश्चय और सही दिशा में प्रयास करने की प्रेरणा दी।

इसके बाद प्रो-वाइस चांसलर प्रो. शांतनु रस्तोगी ने अपने विचार साझा किए। उन्होंने विश्वविद्यालय की शैक्षणिक उत्कृष्टता, अनुसंधान कार्यों और पूर्व छात्रों की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पूर्व छात्रों की सफलता ही विश्वविद्यालय की पहचान को और अधिक सशक्त बनाती है। उन्होंने छात्रों को अनुशासन, मेहनत और नवीन अनुसंधान के प्रति जागरूक रहने की प्रेरणा दी और विश्वविद्यालय की भविष्य की योजनाओं पर भी चर्चा की।

प्रो-वाइस चांसलर का स्वागत विभागाध्यक्ष प्रो. विजय शंकर वर्मा एवं डॉ. त्रिलोकी नाथ ने किया।

इस अवसर पर प्रो. सुधीर कुमार श्रीवास्तव, प्रो. विजय कुमार, प्रो. हिमांशु पांडे, डॉ. त्रिलोकी नाथ, डॉ. राजेश पांडेय, डॉ. राजेश कुमार, डॉ. विकास राना, डॉ. जितेंद्र कुमार कुशवाहा, डॉ. ज्ञानवेन्द्र प्रताप सिंह एवं डॉ. विवेक कुमार शर्मा सहित अन्य विभागीय सदस्य भी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. जूली श्रीवास्तव ने किया, जिनकी प्रभावी प्रस्तुति ने पूरे आयोजन को सुचारु रूप से संपन्न किया।

कार्यक्रम के अंत में प्रो. हिमांशु पांडेय ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। उन्होंने सभी अतिथियों, पूर्व छात्रों और आयोजकों को इस सफल आयोजन के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर पूर्व छात्रों ने अपने अनुभव साझा किए और वर्तमान छात्रों को करियर निर्माण के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए। इस आयोजन ने पूर्व छात्रों और विभाग के बीच एक मजबूत कड़ी बनाने का कार्य किया, जिससे आने वाले वर्षों में भी इस परंपरा को जारी रखने की प्रेरणा मिली। कार्यक्रम राष्ट्रगान से संपन्न हुआ।

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(Udaipur Kiran) / प्रिंस पाण्डेय

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