Uttar Pradesh

अपूर्व और विलक्षण है प्रयागराज महाकुंभ का आयोजन : आचार्य मिथिलेशनंदिनी

एमपीपीजी कॉलेज में महाकुंभ पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ*
एमपीपीजी कॉलेज में महाकुंभ पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ*
एमपीपीजी कॉलेज में महाकुंभ पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ*
एमपीपीजी कॉलेज में महाकुंभ पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ*
एमपीपीजी कॉलेज में महाकुंभ पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ*
एमपीपीजी कॉलेज में महाकुंभ पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ*
एमपीपीजी कॉलेज में महाकुंभ पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ*
एमपीपीजी कॉलेज में महाकुंभ पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ*

गोरखपुर, 22 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । सिद्धपीठ श्रीहनुमन्निवास धाम अयोध्या के महंत आचार्य मिथिलेशनंदिनी शरण ने प्रयागराज महाकुंभ 2025 को अपूर्व और विलक्षण बताया। उन्होंने कहा कि दुनिया के इस सबसे बड़े आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन को व्यवस्था की दृष्टि से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिस सुचारुता से सुनिश्चित किया वह अभिनंदनीय है। हम सभी सौभाग्यशाली हैं कि हमारे पास धर्मनिष्ठा से संपन्न योगी आदित्यनाथ जैसा नायक है।

वह शनिवार को महाराणा प्रताप महाविद्यालय, जंगल धूसड़ के कला संकाय के तत्वावधान में ‘महाकुंभ 2025 : परम्परा, अनुष्ठान और महत्ता’ विषयक दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के शुभारंभ सत्र को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ 2025 कई आयामों में अपूर्व है। अतीत के कुंभ आयोजनों को देखें तो इस महाकुंभ में श्रद्धा का ज्वार अपूर्व है। पहले की सरकारों ने केंद्रीय कार्यक्रम मानकर कभी कुंभ को पुरस्कृत नहीं किया लेकिन यह ऐसा पहला कुंभ है जिसमें मुख्यमंत्री ने चप्पे-चप्पे पर जाकर व्यवस्था की सुचारुता सुनिश्चित की। मुख्यमंत्री के समर्पित प्रयास के चलते ही उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ 2025 के रूप में इस धरती का सबसे बड़ा धार्मिक मेला आयोजित हुआ।

आध्यात्मिक और धार्मिक वैभव का वैश्विक अग्रदूत है उत्तर प्रदेश

आचार्य मिथिलेशनंदिनी ने कहा कि उत्तर प्रदेश आध्यात्मिक और धार्मिक वैभव का वैश्विक अग्रदूत है। अयोध्या, काशी और मथुरा के बिना भारत की कल्पना नहीं की जा सकती। यह तीनों महत्वपूर्ण स्थल उत्तर प्रदेश में है। देश के अन्य राज्यों में तीर्थ हैं लेकिन तीर्थराज प्रयाग उत्तर प्रदेश में है। प्रयागराज में इस बार का महाकुंभ इसलिए भी विलक्षण है कि जहां पहले के कुंभ प्रश्नों और चिंताओं के कुंभ होते थे, वहीं इस बार का महाकुंभ उत्तर का कुंभ है। पहले कुंभ के आयोजनों में यह प्रश्न उठते थे। क्या अयोध्या में रामलला विराजमान हो पाएंगे? क्या कश्मीर से धारा 370 हट पाएगी? केंद्र से उत्तर प्रदेश तक धर्मसत्ता अनुप्राणित जीवन की अवधारणा को समझने वाली सरकार के होने से यह सब संभव हुआ है।

—————

(Udaipur Kiran) / प्रिंस पाण्डेय

Most Popular

To Top