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जम्मू, 22 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । स्थानीय समुदायों के साथ अपने संबंधों को मजबूत करते हुए भारतीय सेना ने चमरेर में गुज्जरों और बक्करवालों के लिए एक संवाद-सह-जागरूकता सत्र आयोजित किया। इस पहल का उद्देश्य समुदाय को वन अधिकार अधिनियम, डेरा प्रवास प्रक्रियाओं के बारे में शिक्षित करना और उनके सामने आने वाली किसी भी चुनौती का समाधान करना था।
इस सत्र ने सार्थक संवाद को बढ़ावा दिया, रीति-रिवाजों और मान्यताओं की बेहतर समझ को बढ़ावा दिया। जागरूकता फैलाने के लिए एफआरए के प्रमुख पहलुओं का विवरण देने वाले पर्चे भी वितरित किए गए।
सत्र में 25 गुज्जरों और बक्करवालों और 10 महिलाओं सहित कुल 35 व्यक्तियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। इस पहल की स्थानीय आबादी ने बहुत सराहना की। यह आउटरीच कार्यक्रम राष्ट्र निर्माण और जवान और आवाम के बीच विश्वास को मजबूत करने के लिए भारतीय सेना की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। इस तरह की बातचीत न केवल स्थानीय नागरिकों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंधों को मजबूत करती है बल्कि हाशिए पर पड़े समुदायों की चिंताओं को दूर करने, उनके कल्याण को सुनिश्चित करने और समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए सेना की प्रतिबद्धता को भी उजागर करती है।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा
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