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उदयपुर, 21 फ़रवरी (Udaipur Kiran) ।“ब्रजभाषा, ब्रजराज की पावन वाणी है। इस भाषा का संवर्धन एवं संरक्षण अत्यंत आवश्यक है। मेवाड़ की धरती पर रहते हुए भी साहित्य मंडल इसे सजीव रखने का कार्य सराहनीय ढंग से कर रहा है।”
यह बात शुक्रवार को नाथद्वारा साहित्य मंडल में पाटोत्सव ब्रजभाषा समारोह के द्वितीय दिवस पर मुख्य अतिथि राजस्थान ब्रजभाषा अकादमी, जयपुर की सचिव प्रियंका राठौड़ ने कही। उन्होंने ब्रजभाषा उपनिषद के आयोजन के लिए ब्रजभाषा अकादमी जयपुर और साहित्य मंडल के प्रयासों को सराहनीय बताया।
संस्थान के अध्यक्ष मदन मोहन शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में कोटा से आए ब्रज वल्लभ कुल के प्रधान पीठाधीश्वर विजय बाबा ने कहा कि साहित्य मंडल ने अपनी साहित्यिक साधना और सांस्कृतिक चेतना से एक अनूठी पहचान बनाई है।
विशिष्ट अतिथि अरविंद तिवारी ने कहा कि जब श्रीनाथजी श्रीनाथद्वारा पधारे तो यह नगरी धार्मिक वृंदावन बन गई और साहित्य मंडल ने इसे सांस्कृतिक और साहित्यिक रूप से समृद्ध किया है। डॉ. सुशील सरित ने अपनी मर्मस्पर्शी रचना “अयोध्या में जइयो, ठाडो मत रहियो, राम जी से कहियो, हमारी राम-राम है” से उपस्थित जनसमुदाय को भावविभोर कर दिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मदन मोहन शर्मा ने कहा कि साहित्य मंडल के प्रधानमंत्री श्याम प्रकाश देवपुरा आधुनिक युग में संस्कृति और संस्कार की ज्योति को प्रज्वलित रखने का जो प्रयास कर रहे हैं, वह अनुकरणीय है। ब्रजभाषा समारोह साहित्यिक साधना, सांस्कृतिक चेतना और भाषाई प्रेम का अप्रतिम संगम है।
कार्यक्रम का शुभारंभ भरतपुर के कवि हरि ओम हरि की सरस्वती वंदना “हे वीणा वाणी नव स्वर दे” से हुआ। राया के साहित्यकार डॉ. अंजीव रावत ने “जय मुरलीधर जय श्री वल्लभ जय गोवर्धन हाथ धरे” शब्दों से श्रीनाथजी की वंदना प्रस्तुत की।
कार्यक्रम में धार (मध्यप्रदेश) के गोविंद सेन, नोएडा (उत्तर प्रदेश) की डॉ. शिखा रानी अग्रवाल को हिंदी साहित्य मनीषी, प्रतापगढ़ (उत्तर प्रदेश) के श्रीनाथ मौर्य सरस और जयपुर के साकार फलक श्रीवास्तव को हिंदी काव्य मनीषी की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। दिल्ली के डॉ. जतिन शर्मा को संगीत रत्न एवं जयपुर की डॉ. मंजूलता भट्ट को संगीत कला मर्मज्ञ की उपाधि से अलंकृत किया गया। आरजेएस में 116वीं रैंक प्राप्त करने वाले नाथद्वारा के तन्मय जोशी का भी अभिनंदन किया गया।
कार्यक्रम में लेखक डॉ. सतीश चतुर्वेदी की कृतियों “हरी मसाने में पूरी”, “दिगंबर”, “शाकुंतल बाल पहेलियां”, “बाल साहित्य संग्रह”और “मां मुरली घनश्याम”पुस्तकों का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम का संचालन संस्थान के प्रधानमंत्री श्याम प्रकाश देवपुरा ने किया। सम्मानित साहित्यकारों के गद्य एवं पद्य परिचय का वाचन हरि ओम हरि और डॉ. अंजीव अंजुम ने किया।
उदयपुर के राजदीप का सम्मान
उदयपुर के वरिष्ठ फोटो जर्नलिस्ट राकेश शर्मा ‘राजदीप’को शुक्रवार को आयोजित कार्यक्रम में ‘पत्रकार प्रवर’ की मानद उपाधि से अलंकृत किया गया। ‘राजदीप’ की फोटो जर्नलिज्म के क्षेत्र में विशेष पहचान है। वे फोटो जर्नलिज्म करने के साथ ही जर्नलिज्म के स्टूडेंट्स को पढ़ाते भी हैं। कई नवोदित फोटो जर्नलिस्ट उनसे फोटोग्राफी की बारीकियां भी सीखते हैं।
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(Udaipur Kiran) / सुनीता
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