कोलकाता, 20 फरवरी (Udaipur Kiran) । कलकत्ता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टी एस शिवगणनम ने आर जी कर अस्पताल कांड से जुड़े एक मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है। यह मामला ‘अभया’ कांड से जुड़ा है, जिसमें तत्कालीन कोलकाता पुलिस आयुक्त बिनीत गोयल के खिलाफ जनहित याचिका दायर की गई थी। मुख्य न्यायाधीश ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए इस मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया, जिसके बाद अब यह मामला नए पीठ के समक्ष सुना जाएगा।
आर जी कर अस्पताल में एक युवा महिला चिकित्सक के साथ बलात्कार और हत्या की घटना को लेकर कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त बिनीत गोयल के खिलाफ जांच में लापरवाही बरतने के आरोप लगे थे। इसके अलावा, पीड़िता की पहचान सार्वजनिक करने के आरोप में भी उनके खिलाफ जनहित याचिका दाखिल की गई थी। यह मामला हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टी एस शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की डिवीजन बेंच में लंबित था।
पिछली सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने अदालत को सूचित किया था कि राज्य सरकार को ही आईपीएस अधिकारी बिनीत गोयल के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी। केंद्र ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि राज्य सरकार कोई कदम नहीं उठाती है, तो गृह मंत्रालय को इसकी शिकायत की जा सकती है। इस मुद्दे पर अदालत में बहस जारी थी कि बिनीत गोयल के खिलाफ कार्रवाई करने की जिम्मेदारी केंद्र की होगी या राज्य की।
मुख्य न्यायाधीश ने इस मामले से खुद को अलग करने का फैसला लिया है। अब इस जनहित याचिका की सुनवाई किसी नए पीठ के समक्ष होगी। अदालत ने इस मामले में सभी संबंधित पक्षों को पहले ही नोटिस जारी कर उनकी राय मांगी थी। अब देखना होगा कि नए न्यायाधीश इस पर क्या रुख अपनाते हैं और आगे की सुनवाई किस दिशा में बढ़ती है।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
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