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हिमाचल में नशे में ड्राइविंग बनी हादसों की बड़ी वजह, शराब के नशे में 25 फीसदी हादसे

शिमला, 20 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में सड़क सुरक्षा एक गंभीर विषय बना हुआ है। हर साल सड़क दुर्घटनाओं में बड़ी संख्या में लोग अपनी जान गंवा देते हैं। इन हादसों के पीछे कई कारण होते हैं, जिनमें लापरवाह ड्राइविंग, तेज रफ्तार, बिना लाइसेंस के वाहन चलाना, सड़क संरचना में खामियां और नशे में गाड़ी चलाना शामिल है। नशे की हालत में वाहन चलाना न केवल चालक बल्कि अन्य लोगों की जान के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है।

हिमाचल प्रदेश पुलिस के ट्रैफिक, टूरिस्ट एवं रेलवे विंग ने राज्य में सड़क हादसों का विश्लेषण किया, जिसमें सामने आया कि वर्ष 2024 में कुल 21,421 सड़क दुर्घटनाएं हुईं। इन मामलों में से 1,000 मामलों में ड्राइवर के रक्त के सैंपल को रासायनिक जांच के लिए स्टेट फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी भेजा गया। इन नमूनों की जांच में 229 मामलों में अल्कोहल की मौजूदगी पाई गई, जो कुल नमूनों का लगभग 25 फीसदी है।

राज्य के विभिन्न जिलों में हुए इन हादसों में मंडी, कांगड़ा, शिमला, सोलन और ऊना जिलों में सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए। इन जिलों में नशे की हालत में गाड़ी चलाने के मामलों की संख्या चिंताजनक है।

सरकार ने उठाए सख्त कदम, दोबारा अपराध पर लाइसेंस होगा रद्द

नशे में वाहन चलाने की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए पुलिस ने सख्त रुख अपनाया है। अब ऐसे मामलों में कानूनी कार्रवाई की जा रही है। खासकर सरकारी कर्मचारियों द्वारा इस अपराध में लिप्त पाए जाने पर संबंधित विभाग को सूचना दी जाएगी, जिससे उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जा सके।

यदि कोई व्यक्ति पहले भी नशे में गाड़ी चलाने के अपराध में पकड़ा जा चुका है और दोबारा वही अपराध करता है, तो संबंधित प्राधिकारी को उसके ड्राइविंग लाइसेंस को रद्द करने की अनुशंसा की जाएगी। इसके अलावा मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 185 के तहत पहली बार पकड़े जाने पर भी पुलिस आरोपी को जेल भेज सकती है।

प्रदेश के सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे नशे में वाहन चलाने वाले बार-बार पकड़े जाने वाले अपराधियों का डेटा बैंक तैयार करें। यह जानकारी ट्रैफिक, टूरिस्ट और रेलवे विंग को भेजी जाएगी ताकि इन पर विशेष निगरानी रखी जा सके। इसके अलावा जिन इलाकों में इस समस्या की अधिकता देखी गई है, वहां पुलिस द्वारा सघन निगरानी अभियान चलाया जाएगा।

हिमाचल प्रदेश पुलिस ट्रैफिक, टूरिस्ट एवं रेलवे के सहायक पुलिस महानिरीक्षक विनोद कुमार ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत पुलिस द्वारा ऐसे वाहन चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित करने की सिफारिशें भी की जा रही हैं।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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