

-धाम में प्रधान विग्रहों का रुद्राभिषेक गुरुवार से, 15 प्रधान विग्रहों का पूजा-पाठ भी
वाराणसी, 19 फरवरी (Udaipur Kiran) । महाशिवरात्रि पर्व की तैयारियां श्री काशी विश्वनाथ धाम में बुधवार शाम से शुरू हो गई। हर-हर महादेव के उद्घोष के बीच मंदिर न्यास के सीईओ विश्व भूषण मिश्र ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच गणेश जी की पूजा कर महाशिवरात्रि उत्सव की शुरुआत की। श्री गणेश जी महाराज का जलाभिषेक करने के बाद उनका सिंदूर से श्रृंगार किया गया। इसके बाद श्री गणेश को वस्त्र, पुष्प, दुर्वा, माला, नैवैद्य, भोग अर्पित किया गया। भावपूर्ण तरीके से गणेश जी की स्तुति कर उनकी आरती उतारी गई। बाबा विश्वनाथ के स्वर्ण शिखर के आरती के पश्चात भक्तों में प्रसाद वितरित किया गया।
मंदिर के सीईओ ने बताया कि श्री काशी विश्वनाथ धाम में महाशिवरात्रि की तैयारी शुरू करने से पूर्व प्रथम पूज्य गौरी नंदन श्री गणेश जी का पूजन किया गया। श्री गणेश जी के पूजन के बाद धाम में महाशिवरात्रि की तैयारी शुरू कर दी गई है।
धाम में प्रधान विग्रहों का रुद्राभिषेक गुरुवार से
मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी के अनुसार, महाशिवरात्रि के पूर्व पिछले वर्ष शुरू किया गया नवाचार इस वर्ष भी पूरी श्रद्धा जारी रहेगा। धाम में श्री गणेश पूजन के साथ महाशिवरात्रि की तैयारियों का शुभारंभ कर दिया गया है। पिछले वर्ष महाशिवरात्रि के पूर्व धाम में स्थित 15 प्रधान विग्रहों के रुद्राभिषेक की शुरू किया गया नवाचार इस वर्ष भी पूरी श्रद्धा से गुरुवार से शुरू होगा।
मंदिर के सीईओ ने बताया कि महाशिवरात्रि के पूर्व श्री काशी विश्वनाथ धाम में स्थित 15 प्रधान विग्रहों के पूजा-पाठ, अनुष्ठान का क्रम गुरुवार से शुरू होगा। इस दौरान सभी 15 प्रधान विग्रहों का क्रमवार शास्त्रोक्त विधि से रुद्राभिषेक मंदिर न्यास के अधिकारी करेंगे। उन्होंने बताया कि विघ्नहर्ता गणेश जी की पूजा कर कामना की गई कि महाशिवरात्रि का पर्व भी बिना किसी अड़चन के पूरी आस्था से संपन्न हो।
—————
(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी
