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– याचिकाकर्ता की ओर से युवा एडवोकेट निपुण सक्सेना ने रखा पक्ष
– याचिकाकर्ता ने कहा कि शिवपुरी की सांख्य सागर झील जलकुंभी के कारण दुर्दशा की स्थिति में
शिवपुरी, 19 फरवरी (Udaipur Kiran) । ग्वालियर हाईकोर्ट की डबल बेंच ने शिवपुरी के माधव राष्ट्रीय उद्यान में स्थित सांख्य सागर झील में जलकुंभी मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाने के निर्देश जारी किए हैं। हाईकोर्ट में याचिका आदित्य राज पांडे ने दायर की थी। इनकी ओर से पैरवी युवा एडवोकेट और शिवपुरी के रहने वाले निपुण सक्सेना ने की। जिसमें याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट के समक्ष उक्त मुद्दे को उठाते हुए कहा था कि सांख्य सागर झील जो माधव राष्ट्रीय उद्यान के अंदर स्थित है और एक अंतरराष्ट्रीय महत्व की झील है जिसे रामसर साइट का दर्जा प्राप्त है लेकिन इस झील के अंदर बढ़ती जलकुंभी के कारण इसके अस्तित्व पर संकट है। यहां जलकुंभी की सफाई न होने के कारण झील में वन्य जीवों को भी नुकसान हो रहा है।
इस संबंध में याचिकाकर्ता ने मध्यप्रदेश सरकार, वन विभाग, कलेक्टर शिवपुरी, नगर पालिका को पार्टी बनाया था। इस संबंध में हाईकोर्ट से आवश्यक निर्देश देने की मांग की थी। हाईकोर्ट जस्टिस आनंद पाठक व हिरदेश की खंडपीठ के समक्ष प्रतिवादियों के वकील ने कहा कि सांख्य सागर झील के संरक्षण के लिए उचित कदम उठाए जा रहे हैं और वाटर हार्वेस्टर का प्रयोग किया जा रहा है।
याचिकाकर्ता की ओर से युवा एडवोकेट निपुण सक्सेना ने इस बात का खंडन किया और न्यायालय के समक्ष यह तथ्य रखा कि वर्तमान में सांख्य सागर झील पर जलकुंभी व्याप्त है। उन्होंने इस संबंध में अतिरिक्त दस्तावेज के साथ वर्तमान हालातों के फोटो न्यायालय के समक्ष रखे। जिसमें बताया कि सांख्य सागर झील पर जलकुंभी दिख रही है और यहां कोई सफाई नहीं हुई है। उक्त मामले में अब हाईकोर्ट ने जमीनी हकीकत की रिपोर्ट देने के लिए तीन सदस्यीय समिति के गठन के निर्देश दिए हैं। इसमें कृषि विश्वविद्यालय राजमाता विजयाराजे सिंधिया ग्वालियर के एक प्रोफेसर, एक वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश दीक्षित तथा सुनील जैन को कमेटी में रखने के निर्देश हैं। समिति झील का दौरा कर वास्तविक रिपोर्ट हाईकोर्ट को सबमिट करेगी।
(Udaipur Kiran) / रंजीत गुप्ता
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