RAJASTHAN

बजट 2025-26 राजस्थान की जनता पर कर्ज का बाेझ : राजस्थान कांग्रेस

फाइल

जयपुर, 19 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । वित्त मंत्री दीया कुमारी की ओर से बुधवार को भजनलाल शर्मा सरकार का दूसरा पूर्ण बजट पेश किया गया। प्रतिपक्ष नेता टीकाराम जूली और प्रदेशाध्यक्ष गाेविंद सिंह डाेटासरा ने बजट काे लेकर प्रतिक्रिया दी। उन्हाेंने इसे राजस्थान की जनता पर कर्ज का बाेझ बताया।

जूली ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि यह बजट केवल राजस्थान की जनता पर कर्ज का बोझ डालने वाला है। राज्य सरकार का वित्तीय प्रबंधन पूरी तरह फेल है यह बजट में दिख रहा है। पिछले बजट में अनुमान लगाया गया कि करीब 2 लाख 65 हजार करोड़ रु की राजस्व प्राप्तियां होंगी परन्तु ये लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया और 2 लाख 62 हजार 618 करोड़ रु की राजस्व प्राप्तियां ही हुईं हैं जबकि केन्द्र सरकार से पहले से ज्यादा मदद मिली है।

उन्होंने कहा कि 2024-25 में राजस्व व्यय का लक्ष्य 3,34,796 करोड़ रु का रखा गया परन्तु व्यय केवल 2,94,557 करोड़ ही किए गए। 2024-25 में राजस्व घाटा 25,758 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया था जो लगभग 32,000 करोड़ रुपये पहुंच गया है। राजकोषीय घाटा भी 70,000 करोड़ के पार पहुंच गया है जो वर्ष 2025-26 में बढ़कर 84,643 करोड़ हो जाएगा। राजस्थान पर भाजपा सरकार में कर्ज का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है और आने वाले दिनों में यह सरकार पर कर्ज सवा 7 लाख करोड़ रुपये के पार हो जाएगा। यानी हर राजस्थानी पर एक लाख का कर्ज ये सरकार लादने जा रही है।

जूली ने कहा कि पिछली बार न तो बजट पूर्व चर्चा में और न ही बजट के बाद की प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री को मुख्यमंत्री ने अपने साथ बिठाया था। इस बार बजट पूर्व चर्चा में भी वित्त मंत्री को बिठाया और बजट के बाद की प्रेस वार्ता में भी बिठाया। हालांकि उन्हें बोलने नहीं दिया गया। यह दिखाता है कि भाजपा में श्रेय लेने की राजनीति चरम पर है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आमजन के सामने आज की सबसे बड़ी चुनौती महंगाई है। आज राज्य सरकार द्वारा पेश किए गए बजट से हमें उम्मीद थी कि महंगाई कम करने को लेकर कोई घोषणा की जाएगी, हमारी सरकार ने बजट 2023-24 में 19 हजार करोड़ का महंगाई राहत पैकेज दिया था, परन्तु आज महंगाई शब्द ही पूरे बजट में नहीं आया। पिछली बार सरकार ने पांच वर्ष की कार्ययोजना बनाकर 10 संकल्प तय किए थे। इस बार इन संकल्पों का भी कोई जिक्र बजट में नहीं किया गया।

जूली ने कहा कि पिछले बजट के रिप्लाई के दौरान मुख्यमंत्री जी घोषणा पत्र की 50 प्रतिशत घोषणाएं पूरा होने की बात कही, इस बार वित्त मंत्री ने 58 प्रतिशत पूरा होने की बात कही। मतलब एक साल में केवल 8 प्रतिशत वादों को ही पूरा किया गया है। पिछले बजट में सरकार ने वादा किया था कि राजस्थान इकोनॉमिक रिवाइवल टास्क फोर्स बनाएंगे। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में अक्टूबर 2024 में आपने बना दी। अक्टूबर से आज तक मुख्यमंत्री ने इस टास्क फोर्स की एक भी बैठक ली है क्या? ये भाजपा सरकार की प्राथमिकता है। इसी कारण राज्य सरकार का वित्तीय प्रबंधन पूरी तरह फेल है, यह बजट में दिख रहा है।

उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्य दोनों जगह भाजपा की सरकार है तब भी रिफाइनरी के काम को आप पूरा नहीं कर पा रहे हैं। 31 दिसंबर 2024 तक रिफाइनरी में उत्पादन शुरू होना था पर अभिभाषण में कहा गया कि 83 प्रतिशत काम ही पूरा हुआ है। भाजपा सरकार की काम अटकाने की आदत के कारण जिस रिफाइनरी का बजट 40,000 करोड़ रुपये का था वो आज एक लाख करोड़ रुपये का होने जा रहा है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा विधानसभा में प्रस्तुत बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राज्य सरकार के बजट से युवा, किसान, महिला, पिछड़े और उद्यमियों को निराशा के अलावा कुछ नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि बजट की विशेषता यह है कि बजट बनाने के लिए सुझाव मुख्यमंत्री से लिये गये, बजट को अंतिम रूप वित्त मंत्री ने दिया और विधानसभा में पढ़ा, किन्तु बजट भाषण समाप्त होने पर धन्यवाद ज्ञापन मुख्यमंत्री द्वारा कर दिया गया। उन्होंने कहा कि बजट जनता को भ्रमित करने वाला है, केवल आंकड़ों का मायाजाल प्रस्तुत हुआ, शब्दों की हेरा-फेरी हुई है, कुल मिलाकर यह बजट नई बोतल में पुरानी शराब मात्र है। उन्होंने कहा कि पुराने बजट में जो बातें थी, वही इस बजट में है। उन्होंने कहा कि हमेशा बजट में सरकारों ने मीसिंग लिंक सड़काें के लिये प्रावधान रखा है, 40 से 50 किमी मिसिंग लिंक सड़क का प्रावधान हर विधानसभा क्षेत्र के लिये किया जाता रहा है, किन्तु इस बजट में केवल मरम्मत के लिये नॉन पैचेबेल सडक़ों के निर्माण के लिये 10-10 करोड़ रूपये का प्रावधान रखा गया है और मरूस्थली जिलों में 15 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है। उन्होंने कहा कि भर्तियों के लिये 1.25 लाख जादुई आंकड़े की घोषणा की गई है, जबकि मुख्यमंत्री पहली साल में कहते थे कि वर्षभर में एक लाख नौकरी देंगे, दूसरे साल में 1.25 लाख की घोषणा कर दी, इसका तात्पर्य यह है कि जब तीसरा बजट पेश होगा तब 2.25 लाख नौकरियां मिल चुकी होगी।

उन्होंने कहा कि चुनावों में प्रधानमंत्री ने प्रदेशवासियों से हरियाणा के बराबर पेट्रोल-डीजल के दाम करने का वादा किया था, किन्तु यह वादा दूसरा बजट पेश होने के बावजूद निभाया नहीं गया और पेट्रोल-डीजल राजस्थान में हरियाणा के मुकाबले 10 रुपये मंहगा बिक रहा है। उन्होंने कहा कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन के नाम पर भी छलावा हुआ है, कांग्रेस सरकार के शासन में वृद्धावस्था, एकल नारी सहित सभी पेंशन में 15 प्रतिशत की बढोत्तरी की गई थी, किन्तु भाजपा की सरकार ने इस वर्ष 5 प्रतिशत के लगभग बढ़ोत्तरी की है जो कि प्रदेश के जरूरतमंद तबके के साथ छलावा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से इस योजना को लेकर विधानसभा में प्रदेश की जनता की ओर से जवाब मांगा जायेगा, क्योंकि केन्द्रीय मंत्री के इशारे पर सडक़ निर्माण के लिये भी विशेष प्रावधान अलवर जिले के लिये हुये हैं और ईआरसीपी योजना का भी स्वरूप बदल गया। उन्होंने कहा कि अलवर के सरिस्का में ईको सेंसिटिव जोन भी घोषित नहीं हुआ है, बांदीकुई के पास इण्डस्ट्रीयल ऐरिया में लोजिस्टिक हब भी नहीं बना। डूंगरपुर में आदिवासी महापुरूषों के स्मारक बनाने की भी घोषणा हुई थी, किन्तु कार्य नहीं हुये और अब इस क्षेत्र में ट्युरिज्म सर्किट की घोषणा कर दी गई है जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मानगढ़ धाम आकर तीन प्रदेशों की सरकार से स्मारक विकसित करने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि बजट से प्रदेश के युवा, किसान, महिला, आदिवासी, दलित, पिछड़े सहित सभी वर्ग निराश है।

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(Udaipur Kiran) / रोहित

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