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शिमला, 19 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2025 की शुरुआत अपराध के बढ़ते ग्राफ के साथ हुई। प्रदेश पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार जनवरी के महीने में प्रदेश भर में 12 हत्याएं, 26 दुष्कर्म और 229 मादक पदार्थ अधिनियम (एनडीपीएस) के मामले दर्ज किए गए। खासतौर पर नशे की तस्करी के मामलों में खतरनाक बढ़ोतरी देखी गई।
सात जिलों में 12 हत्याएं, चार हत्या प्रयास के मामले भी दर्ज
जनवरी माह में हिमाचल के सात जिलों में कुल 12 हत्या के मामले सामने आए। कुल्लू और सोलन में तीन-तीन, चंबा में दो तथा बीबीएन, देहरा, हमीरपुर और शिमला में एक-एक हत्या हुई। इसके अलावा चार हत्या प्रयास के केस भी दर्ज किए गए, जिनमें बद्दी बरोटीवाला नालागढ़ (बीबीएन) में दो, बिलासपुर और ऊना में एक-एक मामला शामिल है।
हत्याओं के इन मामलों ने प्रदेश में कानून-व्यवस्था को लेकर गंभीर चिंता उत्पन्न कर दी है। जानकारी अनुसार अधिकांश हत्याएं व्यक्तिगत रंजिश, पारिवारिक विवाद और आपसी झगड़ों की वजह से हुई हैं, जबकि कुछ मामलों में आर्थिक और नशे से जुड़े कारण भी सामने आए हैं।
26 दुष्कर्म के मामले, शिमला सबसे आगे
महिलाओं के खिलाफ अपराधों में भी इजाफा हुआ है। जनवरी माह में हिमाचल में कुल 26 दुष्कर्म के मामले दर्ज हुए। इनमें शिमला जिले में सबसे अधिक पांच केस दर्ज किए गए। मंडी और चंबा में चार-चार, सोलन और सिरमौर में तीन-तीन, बीबीएन में दो जबकि देहरा, कांगड़ा, कुल्लू, नूरपुर और ऊना में एक-एक दुष्कर्म का मामला दर्ज हुआ।
एनडीपीएस मामलों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी, हर दिन सात से आठ केस दर्ज
हिमाचल प्रदेश में मादक पदार्थों की तस्करी लगातार बढ़ रही है, जिससे पुलिस और प्रशासन के लिए नई चुनौती खड़ी हो गई है। जनवरी महीने में कुल 229 एनडीपीएस मामले दर्ज किए गए हैं।
सबसे ज्यादा 40 एनडीपीएस केस शिमला में दर्ज हुए। इसके बाद मंडी में 36, कांगड़ा में 30, सिरमौर में 22, बिलासपुर में 19, कुल्लू में 18, ऊना में 14, हमीरपुर में 12, चंबा में 11, सोलन में 9, नूरपुर में 8, बीबीएन में 5, देहरा में 4 और किन्नौर में 1 केस दर्ज किया गया। लाहौल-स्पीति ऐसा इकलौता जिला रहा जहां एनडीपीएस का एक भी मामला सामने नहीं आया।
नशे की बड़ी खेप पकड़ी गई, चिट्टा की बरामदगी में उछाल
प्रदेश में नशे के खिलाफ पुलिस द्वारा की गई कार्रवाइयों में बड़ी मात्रा में मादक पदार्थ जब्त किए गए। जनवरी में 1.671 किलोग्राम चिट्टा, 2.07 ग्राम स्मैक, 36 किलोग्राम चरस, 1.61 किलोग्राम अफीम, 5.281 किलोग्राम पापी हस्क, 2 किलोग्राम गांजा, 592 नशीले कैप्सूल और 49 नशीले इंजेक्शन बरामद किए गए।
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार वर्ष 2024 में पूरे सालभर में 11 किलोग्राम चिट्टा पकड़ा गया था, लेकिन 2025 के पहले ही महीने में डेढ़ किलोग्राम से अधिक चिट्टा बरामद हो चुका है। इससे साफ है कि नशे की तस्करी तेजी से बढ़ रही है और नशे का जाल पूरे प्रदेश में फैलता जा रहा है।
प्रदेश में अपराधों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाने की तैयारी कर ली है। हिमाचल पुलिस का कहना है कि विशेष अभियान चलाकर नशे के सौदागरों पर शिकंजा कसा जा रहा है।
आंकड़ों के अनुसार हिमाचल के कई जिलों में नशे की तस्करी तेजी से बढ़ रही है। हालांकि प्रत्येक जिला में पुलिस नशे पर काबू पाने के लिए बड़ी मुस्तेदी से काम कर रही है। ख़ासतौर पर शिमला जिला पुलिस ने चिट्टे की तस्करी कर रही कई गैंग का पर्दाफाश किया है। इनमें अंतरराज्यीय गैंग भी शामिल हैं। इनके सरगना को भी पकड़ने में पुलिस कामयाब रही है।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
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