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आयोग ने वन अधिकार कानून के क्रियान्यवयन में निभाई महत्वपूर्ण भूमिकाः जुएल ओराम

अनुसूचित जनजाति आयोग के स्थापना दिवस कार्यक्रम में

नई दिल्ली, 19 फरवरी (Udaipur Kiran) । राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के 22वां स्थापना दिवस समारोह के मौके पर बुधवार को केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री जुएल ओराम ने कहा कि संविधान द्वारा प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुए आयोग ने वन अधिकार कानून के क्रियान्यवयन और अनुश्रवण की दिशा मे महती भूमिका निभाई है। मंत्रालय आयोग के साथ मिलकर अनुसूचित जनजाति समाज के बेहतर, सम्मानपूर्ण जीवन जीने, सामाजिक न्याय और सर्वांगीण विकास के लिए साथ मिलकर लगातार कार्य करता रहेगा।

ओराम ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में अपने सम्बोधन में केंद्र सरकार के स्तर से अनुसूचित जनजाति समाज के लिए की जा रही विशिष्ट पहलों की भी चर्चा की और कहा कि उनका मंत्रालय अनुसूचित जनजाति वर्गों की शिक्षा के लिए एकलव्य मॉडल स्कूल, प्री और पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति, नेशनल ओवरशीज़ छात्रवृति जैसे विशिष्ट पहल कर रहा है। इसके अलावा एक विशेषीकृत विकास योजना की दिशा मे केंद्र सरकार ने देशभर के जनजाति समाज में से कुल 75 ऐसे समुदायों को विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (पीवीटीजी) के रूप मे चिह्नित किया है।

आयोग के सचिव पुनीत कुमार गोयल ने आयोग के प्रमुख गतिविधियों, सफल प्रकरणों और आयोग का संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत किया। स्थापना दिवस कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष अंतर सिंह आर्य ने की। अपने अध्यक्षीय सम्बोधन मे उन्होंने आयोग के विषय में विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि पदभार ग्रहण करने के बाद से वर्तमान आयोग लगातार देशभर के अनुसूचित जनजाति समुदायों के बीच भ्रमण कर रहा है। आयोग अपने कार्यों का सफलतापूर्वक निर्वहन करते हुए 100 दिवस की कार्य योजना बना कर देश के विभिन्न राज्यों, जिलों, सार्वजनिक उपक्रमों की समीक्षा भी कर रहा है। उन्होने आयोग द्वारा किए गए कार्यों और उपलब्धियों पर प्रकाश डाला तथा कहा कि अनुसूचित जनजातियों के अधिकारों की रक्षा और उनके विकास के लिए आयोग लगातार प्रयासरत है।

इस कार्यक्रम के दौरान आयोग के सदस्य निरूपम चाकमा, डॉ. आशा लाकड़ा, जाटोतु हुसेन ने भी आयोग में अपने अनुभव साझा किए और अपने विचार प्रकट किए। इस अवसर पर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज गंगाराम अहीर, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य वड़ेपल्ली रामचंदर सहित अन्य राष्ट्रीय आयोगों के अध्यक्ष, सदस्य, सचिव सहित अनुसूचित जनजाति समुदायों के प्रतिनिधिगण, विश्वविद्यालयों के विद्यार्थी आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में आयोग के संयुक्त सचिव अमित निर्मल ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

उदघाटन सत्र के पश्चात जनजातीय समुदायों की प्रगति, विकास, कौशल, उद्यमिता आधारित विभिन्न सत्र भी आयोजित किए गए, जिनमें राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के विशेषज्ञों, दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षाविदों और नीति निर्माताओं ने अपने विचार साझा किए।

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(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी

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