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जयपुर, 18 फरवरी (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने केन्द्रीय सडक़ मंत्रालय और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर पूछा है कि नीमकाथाना और कोटपूतली-बहरोड क्षेत्र में ओवर लोड खनन वाहनों का परिवहन क्यों नहीं रोका जा रहा है। जस्टिस इन्द्रजीत सिंह और जस्टिस मनीष शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश खनन ग्रस्त संघर्ष समिति की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
जनहित याचिका में अधिवक्ता सतीश ने अदालत को बताया कि नीमकाथाना, कोटपूतली-बहरोड़ क्षेत्र मंक ओवर लोड खनन वाहनों को सरेआम अवैध परिवहन किया जा रहा है। खनन परिवहन करने वाले अधिक खनन सामग्री ले जाने के चलते वाहनों को ओवरलोड करते हैं। वहीं अधिकारी भी तभी कार्रवाई करते हैं, जब किसी ओवरलोड वाहन के कारण दुर्घटना हो जाती है। ओवरलोड वाहन कई बार हाईवे पर संतुलन खोकर पलट जाते हैं और इस दौरान साथ चल रहे दूसरे वाहनों को भी चपेट में ले लेते हैं। अधिक भार के चलते रोड पर भी अतिरिक्त भार पडता है और वह जल्दी क्षतिग्रस्त हो जाती है। याचिका में कहा गया कि ओवरलोड वाहन प्रदूषण भी बढा रहे हैं। हर वाहन एक निश्चित मात्रा में वजन ले जाने के लिए हिसाब से डिजाइन किया जाता है। ऐसे में वाहन ओवरलोड होने से ईंधन भी अधिक खर्च होता है। सुप्रीम कोर्ट तय कर चुका है ओवरलोड वाहन का चालान करने के साथ ही अतिरिक्त वजन को वाहन से उतारा जाए। इसके बावजूद इन वाहनों का चालान कर इतिश्री कर ली जाती है। याचिकाकर्ता की ओर से संबंधित अधिकारियों को इस संबंध में शिकायत दी गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है।
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(Udaipur Kiran)
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