
नई दिल्ली, 18 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । केन्द्रीय
राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने मंगलवार को मौसम भवन में भारत के पहले ओपन एयर आर्ट वॉल म्यूजियम का उद्घाटन किया। इस म्यूजियम में भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) की 150 वर्षों की ऐतिहासिक यात्रा को प्रर्दशित किया गया है। यह पहल दिल्ली स्ट्रीट आर्ट के सहयोग से विकसित की गई है, जो आईएमडी के मुख्यालय की दीवारों को जीवंत बनाती है।
उद्घाटन समारोह को सम्बोधित करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने समय पर सटीक मौसम पूर्वानुमान प्रदान करके भारत के सामाजिक-आर्थिक विकास में आईएमडी के स्थायी योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि 150 वर्षों से भारत मौसम विज्ञान विभाग मौसम विज्ञान अनुसंधान के अग्रिम मोर्चे पर खड़ा है, जो गतिशील जलवायु की चुनौतियों का सामना करने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का लाभ उठा रहा है। यह कलात्मक प्रयास आईएमडी की पहुंच को और बढ़ाता है, जिससे जनता को मौसम विज्ञान की कहानी को रोचक तरीके से जोड़ा जा सके। उन्होंने कहा कि मौसम भवन विशेष कला प्रदर्शनी में भारत के मौसम विज्ञान के इतिहास, मौसम पूर्वानुमान के विकास और कृषि, आपदा प्रबंधन और दैनिक जीवन पर इसके प्रभाव को दर्शाते हुए 38 अद्वितीय भित्ति चित्र शामिल हैं। यह महत्वपूर्ण मौसम विज्ञान घटनाओं, उपग्रहों और रडार जैसी प्रौद्योगिकी में प्रगति, और चक्रवातों, मानसूनों और चरम मौसम की स्थितियों के लिए पूर्व चेतावनियों के माध्यम से जीवन की सुरक्षा में आईएमडी की भूमिका को दर्शाता है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने दिल्ली स्ट्रीट आर्ट और इसके संस्थापक दिवंगत योगेश सैनी की रचनात्मकता की सराहना की, जिन्होंने दिल्ली के कई सार्वजनिक स्थानों को कलात्मक अभिव्यक्तियों में बदल दिया। जितेन्द्र सिंह ने कहा कि कला एक शक्तिशाली माध्यम है। यह परियोजना विज्ञान और रचनात्मकता के बीच खूबसूरती से पुल बनाती है ताकि जटिल मौसम विज्ञान घटनाओं को इस तरह से संप्रेषित किया जा सके जो सभी आयु के लोगों के साथ गूंजता है।
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(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी
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