Madhya Pradesh

इंदौरः आपसी सुलह और समझौते के साथ न्यायालयीन प्रकरणों के निराकरण के लिए 8 मार्च को नेशनल लोक अदालत

जिला न्यायालय में हुई बैठक

इन्दौर, 18 फरवरी (Udaipur Kiran) । न्यायालयों में लंबित प्रकरणों के आपसी सुलह और समझौते के साथ निराकरण के लिए आगामी 8 मार्च को नेशनल लोक अदालत आयोजित की जाएगी। इस लोक अदालत के आयोजन के लिए व्यापक तैयारियां प्रारंभ हो गई है। यह लोक अदालत राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार एवं प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अजय श्रीवास्तव इन्दौर के मार्गदर्शन में आयोजित होगी।

इसके तहत जिला न्यायालय इन्दौर, श्रम न्यायालय, परिवार न्यायालय एवं तहसील स्तर पर तहसील न्यायालय, डॉ. अम्बेडकर नगर, देपालपुर, सांवेर व हातोद में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। आयोजित नेशनल लोक अदालत में विभिन्न न्यायालयों में लंबित प्रकरण राजीनामे हेतु रखे गये हैं, जिनके अंतर्गत राजीनामा योग्य आपराधिक, सिविल, मोटर दुर्घटना क्लेम, विद्युत, चेक बाउंस, बैंक रिकवरी, जलकर, भू-अर्जन, वैवाहिक, अन्य प्रकरणों के साथ ही बैंक रिकवरी, विद्युत, व अन्य से संबंधित प्री-लिटिगेशन प्रकरण राजीनामे के आधार पर निराकरण हेतु रखे जा रहे हैं।

प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय श्रीवास्तव द्वारा मंगलवार को नेशनल लोक अदालत के संबंध में जिला मुख्यालय एवं समस्त तहसील न्यायालयों में पदस्थ न्यायाधीशों के साथ बैठक कर न्यायाधीशों से व्यक्तिगत रूचि लेकर अधिक से अधिक प्रकरणों का निराकरण कर नेशनल लोक अदालत की सफलता सुनिश्चित कराने हेतु निर्देशित किया गया है। प्रधान जिला न्यायाधीश द्वारा समस्त न्यायाधीशगण को निर्देशित किया गया कि वे उनकी न्यायालय में लंबित राजीनामा योग्य प्रकरणों को शीघ्र चिन्हित कर पक्षकारों को नोटिस जारी करें।

उन्होंने कहा कि नेशनल लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण से दोनों पक्षों के बीच कटुता समाप्त होती है एवं दोनों पक्षों की जीत होती है। अधिवक्ताओं को अपने पक्षकारों को प्रकरण लोक अदालत के माध्यम से निराकरण कराये जाने के लिए समझाईश देना चाहिए और उन्हें इसके लिए प्रेरित करना चाहिए ताकि लोक अदालत का लाभ सभी को मिल सके। प्रधान न्यायाधीश ने बैठक में जानकारी देते हुए बताया कि राजीनामा वास्तव में दो पक्षों की आपसी सहमति का विषय है और मामला वहीं समाप्त हो जाता है। लम्बे समय से चल रहे विवादों का जब समाधान के आधार पर या राजीनामे के आधार पर समापन होता है तो दोनों ही पक्षों को खुशी मिलती है।

(Udaipur Kiran) तोमर

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