
कानपुर, 18फरवरी (Udaipur Kiran) ।भारतीय उच्च शिक्षा को वैश्विक स्तर पर पहुंचाने और भारत-ब्रिटेन के शैक्षणिक संबंधों को मजबूत करने के लिए लंदन में आयोजित एक कार्यक्रम में भारतीय विश्वविद्यालय संघ और राष्ट्रीय भारतीय छात्र एवं पूर्व छात्र संघ, ब्रिटेन के बीच एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते के माध्यम से ब्रिटेन के छात्रों को भारत में शिक्षा और सांस्कृतिक अनुभव का अनूठा अवसर प्राप्त होगा। यह जानकारी मंगलवार को सीएसजेएम विश्वविद्यालय के कुलपति व भारतीय विश्वविद्यालय संघ के अध्यक्ष प्रो. विनय कुमार पाठक ने दी।
उन्होंने बताया कि भारत सदियों से शिक्षा और ज्ञान का केंद्र रहा है। प्राचीन काल में तक्षशिला और नालंदा जैसे विश्वविद्यालयों ने दुनिया भर के छात्रों को आकर्षित किया था। आज, हमारे आधुनिक विश्वविद्यालय भी उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने के लिए तत्पर हैं।
उन्होंने कहा कि यह समझौता ज्ञापन हमारे उच्च शिक्षा क्षेत्र के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। यह साझेदारी छात्रों के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोलेगी। साथ ही यह सहयोग ब्रिटेन के छात्रों को भारत में शॉर्ट-टर्म और इमर्शन प्रोग्राम में भाग लेने के लिए प्रेरित करेगा और उन्हें भारतीय शिक्षा, संस्कृति और विविधता से सीधे जुड़ने का अवसर देगा। साथ ही यह समझौता भारतीय शिक्षा प्रणाली की वैश्विक पहचान को और मजबूत करेगा तथा भारत को एक प्रमुख एजुकेशन हब के रूप में स्थापित करेगा।
अकादमिक और व्यवसायिक कौशल के साथ भारतीय संस्कृति से परिचित होंगे ब्रिटिश छात्र
कुलपति ने कहा कि यह शॉर्ट-टर्म और इमर्शन प्रोग्राम ब्रिटिश छात्रों को भारत में हमारी विविधतापूर्ण शिक्षा प्रणाली, तकनीकी नवाचारों, पारंपरिक ज्ञान और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से अवगत कराएगा। इससे उन्हें न केवल अकादमिक और व्यावसायिक कौशल विकसित करने में मदद मिलेगी, बल्कि वे भारत की सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक गतिशीलता को भी समझ सकेंगे।
(Udaipur Kiran) / मो0 महमूद
