
कोलकाता, 18 फरवरी (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी को मंगलवार को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद दोबारा प्रेसिडेंसी जेल भेज दिया गया। शिक्षक भर्ती घोटाले में आरोपित पार्थ चटर्जी बीते ढाई साल से जेल में हैं और हाल ही में उनकी तबीयत बिगड़ने के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
20 जनवरी को जेल में अचानक उनकी तबीयत खराब हो गई थी, जिसके बाद उन्हें एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि, वहां इलाज से असंतुष्ट होने पर उन्होंने अदालत से निजी अस्पताल में भर्ती होने की अनुमति मांगी थी। अदालत ने एसएसकेएम अस्पताल की मेडिकल रिपोर्ट देखने के बाद उन्हें निजी अस्पताल में इलाज की इजाजत दी, लेकिन शर्त रखी कि पूरा खर्च उन्हें खुद उठाना होगा। इसके बाद 28 जनवरी को उन्हें बाईपास स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
14 फरवरी को अस्पताल ने अदालत को सूचित किया कि पार्थ चटर्जी अब स्वस्थ हैं और जल्द ही उन्हें छुट्टी दी जा सकती है। चार दिन बाद, मंगलवार को उन्हें अस्पताल से छुट्टी देकर दोबारा जेल भेज दिया गया।
उल्लेखनीय है कि 22 जुलाई 2022 को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भर्ती घोटाले में पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया था। बाद में सीबीआई ने भी उन्हें गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद से ही वह कई बार बीमार पड़े और अस्पताल में भर्ती हुए। पहले भी अदालत में यह सवाल उठ चुका है कि एसएसकेएम अस्पताल कई प्रभावशाली नेताओं के लिए ‘सुरक्षित ठिकाना’ बन गया है। हाईकोर्ट के न्यायाधीश ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए तृणमूल नेता मदन मित्र और अनुब्रत मंडल का नाम भी लिया था। अदालत के आदेश पर पार्थ चटर्जी को भुवनेश्वर एम्स में मेडिकल जांच के लिए भेजा गया था। अब, लंबे इलाज के बाद, वह दोबारा जेल लौट चुके हैं।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
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