
फरीदाबाद, 18 फरवरी (Udaipur Kiran) । सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले में एफ-40 शॉप पर युगांडा देश में बने उत्पाद और सजावटी सामान को देखकर युवा इन्हें खरीद रहे हैं। यह उत्पाद इको फ्रेंडली के साथ-साथ रोजमर्रा के जीवन में काम आने वाले हैं। युगांडा देश की रहने वाली अंचला ने बताया कि वह पहली बार इस तरह के अंतरराष्ट्रीय स्तर के शिल्प मेले में आई हैं और उन्हें यहां आकर अच्छा लग रहा है। वह बार-बार यहां आना चाहेंगी। उनका कहना है कि जिस तरह से भारत सरकार और हरियाणा सरकार ने युगांडा देश को स्पोर्ट किया है उससे दोनों देशों के बीच और ज्यादा विश्वास बढ़ेगा और वहां के कलाकारों को ज्यादा से ज्यादा यहां आने का मौका मिलेगा। उन्होंने बताया कि यह सारे प्रोडक्ट हाथ से बने हुए हैं। युगांडा में बहुत सी जनजातियां रहती हैं, जो इसी तरह से हाथ के उत्पादों को बनाकर उनसे अपनी आय अर्जित करती हैं। युगांडा में करीब 30 से ज्यादा भाषाएं बोली जाती हैं और वहां के लोग भारतीयों के व्यवहार को काफी पसंद करते हैं। अंचला के साथ-साथ उनके शॉप पर युगांडा वासी हजारा नाम की महिला ने भी हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के मार्गदर्शन और पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद कुमार शर्मा के नेतृत्व में सूरजकुंड मेला में की गई व्यवस्थाओं की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला एक अनूठी पहचान रखता है। युगांडा में बनी ज्वेलरी, सजावटी सामान, चूडिय़ां व अन्य उत्पाद को महिलाएं पसंद कर रही हैं। केले के पत्तों से बनाए गए बैग भी पर्यटक खरीद रहे हैं। युगांडा के कलाकारों द्वारा प्रकृति से जुड़ी हुई पेंटिंग भी पर्यटकों को काफी पसंद आ रही है।
(Udaipur Kiran) / -मनोज तोमर
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