
कोलकाता, 18 फरवरी (Udaipur Kiran) । तृणमूल कांग्रेस के विधायक और दलित साहित्य अकादमी के संस्थापक मनोरंजन व्यापारी ने एक बार फिर अपनी अलग पहचान बनाई। मंगलवार सुबह उन्होंने खुद रिक्शा चलाकर विधानसभा पहुंचने का फैसला किया। उनका कहना है कि वह मेहनत करके खाने वाले लोगों के असली प्रतिनिधि हैं और इसीलिए उन्होंने यह अनोखा कदम उठाया।
मनोरंजन व्यापारी ने मंगलवार सुबह नौ बजे कोलकाता के किड स्ट्रीट स्थित एमएलए हॉस्टल से रिक्शा चलाते हुए विधानसभा के लिए अपनी यात्रा शुरू की। उन्होंने कहा कि वह आम मेहनतकश जनता के प्रतिनिधि हैं और इसी पहचान को बनाए रखने के लिए उन्होंने इस यात्रा का फैसला किया।
अपनी इस यात्रा से पहले विधायक ने फेसबुक पर एक लंबी पोस्ट लिखी, जिसमें उन्होंने बताया कि 2021 के विधानसभा चुनावों में जब वह बलागढ़ से विधायक चुने गए थे, तब उनके निर्वाचन क्षेत्र में नारा लगा था— रिक्शा जाएगा विधानसभा में। लोगों की उस भावना को अब उन्होंने सच कर दिखाया।
उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा कि एक रिक्शा चालक आज विधानसभा का सदस्य बना है, लेकिन रिक्शा सीधे विधानसभा नहीं जा सका, क्योंकि कोलकाता शहर में पैडल रिक्शा की अनुमति नहीं है। उनकी इस टिप्पणी को लेकर राजनीतिक हलकों में यह माना जा रहा है कि उन्होंने परोक्ष रूप से शहर की नीतियों और गांव-शहर के बीच के भेदभाव पर तंज कसा है।
चार साल बाद अब उन्हें विधानसभा तक रिक्शा चलाकर जाने की अनुमति मिल गई, और इसी कारण उन्होंने इस खास यात्रा को पूरा किया। मंगलवार को जब वह रिक्शा चलाकर विधानसभा पहुंचे, तो यह दृश्य अनोखा था। बड़े-बड़े वाहनों के बीच एक विधायक खुद पैडल रिक्शा चला रहे थे।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
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