कोलकाता, 18 फरवरी (Udaipur Kiran) । कोलकाता के साल्टलेक इलाके में सोमवार रात भीषण आग लगने से एक व्यक्ति की दर्दनाक मौत हो गई। हादसे के वक्त पीड़ित ने अपनी पत्नी और बेटी को बचा लिया, लेकिन खुद आग की चपेट में आकर बाहर नहीं निकल सके। इस हादसे के बाद इलाके में शोक की लहर है। सूचना मिलते ही दमकल विभाग की दो गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
घटना साल्टलेक के डीए ब्लॉक में स्थित एक तीन मंजिला मकान की है, जहां सोमवार रात करीब 10 बजे अचानक आग लग गई। इस आग में घर के मुख्य सदस्य देवर्षि गंगोपाध्याय (47) की झुलसकर मौत हो गई। वह रेलवे में ठेकेदारी का काम करते थे। हादसे के समय वह घर की तीसरी मंजिल पर अकेले थे, जबकि उनकी पत्नी निवेदिता गंगोपाध्याय और छह साल की बेटी दूसरी मंजिल पर मौजूद थीं। घर की पहली मंजिल पर एक टायर की दुकान भी थी।
प्राथमिक जांच में दमकल विभाग ने अनुमान लगाया है कि आग की शुरुआत तीसरी मंजिल से हुई, जहां फॉल्स सीलिंग का काम चल रहा था। माना जा रहा है कि ज्वलनशील पदार्थों के कारण आग तेजी से फैली। दमकल अधिकारियों का यह भी शक है कि जलती हुई सिगरेट से आग लगी हो सकती है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इसके अलावा, फोरेंसिक टीम भी मौके से नमूने इकट्ठा करेगी ताकि आग लगने के सही कारणों का पता लगाया जा सके।
घटना की गंभीरता को देखते हुए पश्चिम बंगाल के दमकल मंत्री सुजीत बोस भी देर रात मौके पर पहुंचे। उन्होंने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और भरोसा दिलाया कि इस हादसे की गहराई से जांच की जाएगी। उन्होंने कहा, यह बहुत ही दुखद घटना है। आग लगने के असली कारण का पता लगाने के लिए फोरेंसिक जांच कराई जाएगी।
देवर्षि गंगोपाध्याय के साले जयंत चटर्जी ने बताया कि जब आग लगी, तो परिवार और पड़ोसियों ने उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन आग की लपटें इतनी तेज थीं कि कोई तीसरी मंजिल तक नहीं पहुंच सका। दमकल कर्मियों ने भी उन्हें बाहर निकालने की कोशिश की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
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