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कोलकाता, 17 फरवरी (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल विधानसभा में सोमवार को राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस के बजट सत्र के पहले दिन दिए गए भाषण पर चर्चा हुई। इसमें सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने हिस्सा लिया।
चर्चा में कुल 24 विधायक शामिल हुए, जिनमें नौ भाजपा के और 15 तृणमूल कांग्रेस के थे।
भाजपा विधायकों का कहना था कि राज्यपाल ने वही भाषण पढ़ा जो राज्य सरकार ने उन्हें भेजा था और उसमें राज्य में ‘बिगड़ती’ कानून-व्यवस्था का कोई जिक्र नहीं था। भाजपा के चंदना बारुई, दिबाकर घरामी, सिखा चटर्जी और नरहरी महतो जैसे विधायकों ने आरोप लगाया कि राज्य में दुर्गा पूजा, रामनवमी, काली पूजा और सरस्वती पूजा के आयोजन में बाधाएं खड़ी की गईं। उन्होंने शहर के जोगेश चंद्र कॉलेज में पुलिस की तैनाती के बीच सरस्वती पूजा आयोजित कराने में अदालत के हस्तक्षेप का भी उल्लेख किया।
वहीं, तृणमूल कांग्रेस के विधायक मोहम्मद अली, श्यामल मंडल, रफीकुल रहमान और मुकुटमणि अधिकारी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए राज्य सरकार की उपलब्धियों को गिनाया।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
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