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कोलकाता, 17 फरवरी (Udaipur Kiran) । आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक और महत्वपूर्ण इंजेक्शन पर रोक लगा दी गई है। डॉक्टरों से कई शिकायतें मिलने के बाद अस्पताल प्रशासन ने मरीजों के हित में विजन पैरेंटेरल प्राइवेट लिमिटेड की मैननिटोल इंजेक्शन के इस्तेमाल पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया है।
मैननिटोल इंजेक्शन को कार्डियक अरेस्ट, ब्रेन स्ट्रोक और आंखों में स्ट्रोक जैसी गंभीर स्थितियों में ‘गोल्डन आवर’ के दौरान दिया जाता है। लेकिन अब अस्पताल प्रशासन के नए फैसले के तहत यह इंजेक्शन मरीजों को नहीं दिया जाएगा। यहां तक कि डॉक्टरों को इसे प्रेसक्रिप्शन में भी नहीं लिखने के निर्देश दिए गए हैं। इस फैसले की जानकारी स्वास्थ्य भवन को भी दे दी गई है।
इससे पहले मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक गर्भवती महिला की मौत के बाद रिंगर लैक्टेट सलाइन को प्रतिबंधित किया गया था। इसके बाद स्वास्थ्य भवन ने राज्य के सभी अस्पतालों के साथ बैठक कर दवाओं और इंजेक्शनों पर ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति अपनाने का निर्देश दिया था।
इस नीति के तहत हर इंजेक्शन और दवा के बैच नंबर का रिकॉर्ड रखा जाएगा। अगर किसी दवा के इस्तेमाल के बाद मरीज में अपेक्षित सुधार नहीं होता है, तो उस कंपनी की दवा पर तत्काल रोक लगाई जाएगी। साथ ही, ड्रग टेस्टिंग लेबोरेटरी और सेंट्रल ड्रग स्टोर को इसकी रिपोर्ट भेजनी होगी, जिसे स्वास्थ्य भवन को भी सूचित किया जाएगा।
इसी नीति के तहत आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल ने मैननिटोल इंजेक्शन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। अस्पताल के उपाध्याय डॉ. सप्तर्षि चटर्जी ने स्वास्थ्य भवन को इस निर्णय की जानकारी दे दी है।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
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