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कोटा वर्कशाप ने ब्लैक आयल बीटीपीएन मालगाड़ी रैक को वाइट आयल रैक में यंत्रीकृत तरीके से किया परिवर्तन

कोटा वर्कशाप ने ब्लैक आयल बीटीपीएन मालगाड़ी रैक को वाइट आयल रैक में यंत्रीकृत तरीके से किया परिवर्तन

कोटा, 17 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । भारतीय रेल के इतिहास में पहली बार माल डिब्बा मरम्मत कारखाना, कोटा द्वारा ब्लैक आयल बीटीपीएन रैक को यंत्रीकृत विधि से वाइट आयल बीटीपीएन रैक में परिवर्तित किया गया। इस महत्वपूर्ण उपलब्धि का लोकार्पण डीआरएम अनिल कालरा, मुख्य कारखाना प्रबंधक सुधीर सरवरिया एवं अपर मंडल रेल प्रबंधक ललित कुमार धुरंधर की उपस्थिति में किया गया।

बीटीपीएन वैगन का उपयोग भारतीय रेल द्वारा पेट्रोलियम उत्पादों, जैसे क्रूड आयल, डीजल, पेट्रोल एवं अन्य तरल पदार्थों, जैसे वेज आयल आदि के परिवहन के लिए किया जाता है। जिन वैगनों में क्रूड आयल भरा जाता है, उन्हें ब्लैक आयल बीटीपीएन वैगन कहा जाता है, जबकि डीजल और पेट्रोल जैसे अन्य उत्पादों के लिए प्रयुक्त वैगनों को वाइट आयल बीटीपीएन वैगन कहा जाता है। वाइट आयल बीटीपीएन वैगनों की मांग ब्लैक आयल बीटीपीएन वैगनों की तुलना में अधिक होने के कारण कोटा वर्कशॉप ने इस परिवर्तन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।

यह पूरी प्रक्रिया महज 14 दिनों में पूर्ण की गई। इस कार्य को पूर्णतः यंत्रीकृत तकनीक से संपन्न किया गया, जिसमें हाई प्रेशर वाटर जेट (300 बार) की सहायता से वैगन के अंदर और ऊपर जमे हुए ब्लैक आयल को साफ किया गया। निकले हुए ब्लैक आयल स्लज को वैक्यूम ट्रक की मदद से खींचकर कारखाने में स्थित ईटीपी प्लांट में निष्पादित किया गया। इस प्रक्रिया के दौरान उत्पन्न खतरनाक गैसों को वैगन के मेनहोल पर लगे ज्वालारोधी पंखों की सहायता से बाहर निकाला गया।

इस पूर्णतः यंत्रीकृत प्रणाली के कारण कार्य की गुणवत्ता मैनुअल प्रक्रिया की तुलना में अधिक प्रभावी रही। साथ ही, इससे न केवल समय की बचत हुई, बल्कि लाखों रुपये की लागत में भी कमी आई।

(Udaipur Kiran) / राजीव

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